प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अफगानिस्तान के ताजा हालात को मुश्किल और चुनौतीपूर्ण करार देते हुए कहा कि वहां फंसे लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए जी-जान से प्रयास किये जा रहे हैं। जलियांवाला बाग के रिनोवेटेड कैंपस का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिस प्रकार की वैश्विक परिस्थितियां बन रही हैं, उससे ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ के संकल्प के मायनों का भी एहसास होता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि राष्ट्र के रूप में हर स्तर पर आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास दोनों जरूरी है।’’

गुरबाणी की कुछ पंक्तियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमें सिखाती है कि सुख दूसरों की सेवा से ही आता है और हम सुखी तभी होते हैं जब हम अपने साथ-साथ अपनों की पीड़ा को भी अनुभव करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए दुनिया भर में कहीं भी, कोई भी भारतीय अगर संकट में घिरता है तो भारत पूरे सामर्थ्य से उसकी मदद के लिए खड़ा हो जाता है। कोरोना काल हो या फिर अफगानिस्तान का वर्तमान संकट। दुनिया ने इसे निरंतर अनुभव किया है।’’ ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत अफगानिस्तान से भारत लाए जा रहे लोगों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘चुनौतियां बहुत हैं, हालात मुश्किल हैं लेकिन गुरु कृपा भी हम पर बनी हुई है।’’

पीएम मोदी ने कहा कि पंजाब की वीर भूमि को, जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी को, मेरा प्रणाम। उन्होंने कहा कि मां भारती की उन संतानों को भी नमन, जिनके भीतर जलती आज़ादी की लौ को बुझाने के लिए अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं। उन्होंने कहा कि वो मासूम बालक-बालिकाएं, वो बहनें, वो भाई, जिनके सपने आज भी जलियांवाला बाग की दीवारों में अंकित गोलियों के निशान में दिखते हैं। वो शहीदी कुआं, जहां अनगिनत माताओं-बहनों की ममता छीन ली गई, उनका जीवन छीन लिया गया। उन सभी को आज हम याद कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि जलियांवाला बाग जैसी ही एक और विभीषिका हमने भारत विभाजन के समय भी देखी है। पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग तो विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय जो कुछ हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर कोने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज़ करना सही नहीं है। इसलिए भारत ने 14 अगस्त को हर साल ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ आने वाली पीढ़ियों को भी याद दिलाएगी कि कितनी बड़ी कीमत चुकाकर हमें स्वतंत्रता मिली है। वो उस दर्द और तकलीफ़ को भी समझ सकेंगे जो विभाजन के समय करोड़ों भारतीयों ने सही थी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि देश के राष्ट्र नायकों से जुड़े स्थानों को आज संरक्षित करने के साथ ही वहां नए आयाम भी जोड़े जा रहे हैं। जलियांवाला बाग की तरह आज़ादी से जुड़े दूसरे राष्ट्रीय स्मारकों का भी नवीनीकरण जारी है। बताते चलें कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, कई केंद्रीय मंत्री, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित हरियाणा, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।

बताते चलें कि लंबे वक्त से बेकार पड़ी और कम इस्तेमाल वाली इमारतों का दोबारा अनुकूल इस्‍तेमाल बनाते हुए कुल चार म्यूजियम गैलरीज बनाई गई हैं। इन गैलरीज में पंजाब में घटित कई घटनाओं के विशेष ऐतिहासिक महत्‍व को दर्शाया गया है। इन घटनाओं को दिखाने के लिए ऑडियो वीडियो माध्यम से देखने का इंतजाम किया गया है। साथ ही मैपिंग और थ्रीडी इलेस्ट्रेन का भी प्रबंध किया गया है।