जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटे आज 2 साल पूरे हो गए। आज ही के दिन 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करते हुए उसे एक केंद्र-शासित राज्य बनाने की घोषणा की थी।
विशेष दर्जा खत्म होने की दूसरी बरसी पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि जब लोगों पर घोर अन्याय हो रहा है तो उनके पास ‘अस्तित्व का विरोध’ करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। महबूबी मुफ्ती ने ये बातें आज ट्वीट कर कही। महबूबा शुरू से ही इस फैसले के खिलाफ रही है।
महबूबा ने कहा- “दो साल पहले इस काले दिन पर जम्मू-कश्मीर में हुए दर्द, पीड़ा और उथल-पुथल को दर्शाने के लिए कोई शब्द या चित्र पर्याप्त नहीं हैं। जब बेलगाम उत्पीड़न किया जाता है और घोर अन्याय किया जाता है, तो अस्तित्व का विरोध करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता है।”
No words or pictures are enough to depict the pain, torment & upheaval inflicted upon J&K on this black day two years ago. When unbridled oppression is unleashed & gross injustice heaped there is no other choice but to resist to exist. pic.twitter.com/xjVW3By6cl
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2021
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के खुर्शीद आलम ने कहा, “5 अगस्त हमेशा जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक नकारात्मक मील का पत्थर होगा। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक झटका था।”
बता दें कि केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (लद्दाख और जम्मू कश्मीर) में विभाजित कर दिया था। केंद्र सरकार के इस कदम के बाद जम्मू-कश्मीर में कई बड़े बदलाव हुए। नए बदलाव के तहत अब वो पुरुष भी वहां का निवासी बन सकते हैं जिन्होंने वहां की लड़की से शादी की हो। देश के किसी भी हिस्से के लोग कश्मीर में गैर-कृषि योग्य जमीन खरीद सकते हैं। पहले ये हक सिर्फ स्थानीय नागरिकों के पास था। राज्य का अपना झंडा वाला नियम खत्म हो गया और तिरंगा ही सभी जगह फहराया जाने लगा।