कोरोना के चलते देश में अबतक लाखों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इसी बीच बिहार की नीतीश सरकार पर मौतों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगा है। इसको लेकर पटना हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से कहा है कि वह सरकारी आंकड़ों से संतुष्ट नहीं है।
बिहार में कोरोना संक्रमण से हुई मौत के आंकड़े पर नाराजगी जताते हुये पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा “अगर कोर्ट का आदेश नहीं होता तो शायद राज्य इन लोगों की, जिनकी मौत कोरोना से हुई है, सरकारी आंकड़ों में नाम तक नहीं होता। शायद सरकार उनकी सुध तक नहीं लेती।” भविष्य में ऐसी गलती नहीं हो इसके लिए कोर्ट इस मामले की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। कोर्ट का कहना है कि अगर निर्देश नहीं होता तो ऐसी चूक कभी उजागर नहीं होती। अब इस मामले की सुनवाई शनिवार को भी होगी।
कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव के हलफनामा में मरने वालों की संख्या 9375 बताई जा रही है। वहीं आईटी विभाग की ओर से दायर हलफनामा में मरने वालों की संख्या 9143 है। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर माना है कि कोरोना से मौत के सही आंकड़ों के मामले में गलती हुई है।
कोर्ट को बताया गया कि मरने वालों की संख्या में गड़बड़ी होने के मामले में सूबे के सभी सिविल सर्जन को नोटिस जारी किया जायेगा। जो भी दोषी पाये जायेंगे उन पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी। सूबे के महाधिवक्ता ललित किशोर ने सरकार का बचाव करते हुए कोर्ट को बताया कि तकनीकी गड़बड़ी तथा पोर्टल अपडेट नहीं हो पाने के कारण आकड़ों में गड़बड़ी हो गई है। फिर भी गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार काफी चिंतित हैं। मौत के आंकड़े अचानक बढ़ने के मामले की जांच की जायेगी।
ऑनलाइन पोर्टल के मामले पर आइटी सचिव संतोष कुमार मल्ल ने हलफनामा में स्वीकार किया कि पोर्टल पर सात जून को कोरोना के 5,424 संक्रमित मरीजों की मौत की जानकारी दी गई थी, लेकिन आठ जून को पहले की रिपोर्ट संशोधित कर 9,375 मरीजों की मौत बताई गई। इस फासले की पड़ताल के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की गई है और पोर्टल के कार्य करने के मामले का अध्ययन करने के लिए तकनीकी टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही विपक्षी दल मौत के आंकड़ों को छुपाने का सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं। राज्य के प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का आरोप है कि सरकार मरने वालों की संख्या कम बता रही है। इंटरनेट मीडिया में भी ऐसी सूचनाएं वायरल होती रही हैं।
