Delhi News: दिल्ली नगर निगम के 12 वार्डों के आगामी उपचुनावों के लिए आप ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इसी के कुछ घंटों के बाद मटिया महल के पूर्व विधायक और पुरानी दिल्ली के अनुभवी नेता शोएब इकबाल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी राजधानी के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में विफल रही है।

वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, “मुझे लगता है कि आप अपने वादे पूरे करने में नाकाम रही है और दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है । मैं उनकी विचारधारा और रणनीति से थक चुका था। इसलिए मैंने आज आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अब मैं इससे जुड़ा नहीं हूं।”

इकबाल का इस्तीफा चांदनी महल वार्ड के लिए उम्मीदवार के चयन को लेकर पार्टी के भीतर चल रहे विवाद के बीच आया है। विवाद तब शुरू हुआ जब इकबाल ने कथित तौर पर अपने बहनोई काशिफ कुरैशी को इस वार्ड से आप का उम्मीदवार घोषित कर दिया। पार्टी ने बाद में कहा कि यह कदम बिना किसी सलाह के उठाया गया था।

एक बयान में, आप ने कहा कि उसने एक इंटरनल सर्वे कराया है और दिल्ली यूथ विंग के सह-सचिव मुद्दसिर उस्मान कुरैशी को अपना आधिकारिक उम्मीदवार चुना है। बयान में कहा गया है, “आप ने एमसीडी उपचुनावों में केवल अपने कार्यकर्ताओं को ही टिकट देने का फैसला किया है, न कि किसी अन्य पार्टी से आए पैराशूट उम्मीदवारों को। पार्टी रिश्तेदारों को टिकट देने से बचती है, इसलिए आम कार्यकर्ताओं को मौका देती है।”

पिता के इस्तीफे पर क्या बोले आले मोहम्मद

अपने पिता के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए मटिया महल से आप विधायक आले मोहम्मद इकबाल ने कहा कि इस फैसले से उनके परिवार को गहरा आघात पहुंचा है। आले ने कहा, “मेरे पिता ने कभी दलीय राजनीति नहीं की, उन्होंने हमेशा व्यक्तिगत राजनीति की है। किसी उम्मीदवार को नियुक्त करने से पहले, उन्होंने मुझसे या मेरे पिता से सलाह नहीं ली। कई कार्यकालों से, क्षेत्र के लोग उन्हें अपनी सेवा के लिए चुनते आ रहे हैं। पहले पार्षद और फिर विधायक, चाहे वे किसी भी पार्टी से चुनाव लड़ें। क्षेत्र में मेरे पिता के शब्द बहुत महत्वपूर्ण हैं, यह मेरे लिए एक भावनात्मक आघात है, मेरे और मेरे पिता, दोनों के सम्मान पर हमला है।”

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इस साल के विधानसभा चुनाव में आले ने मटिया महल से 42724 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। उन्होंने बीजेपी की दीप्ति इंदौरा को हराया था। उनके पिता शोएब इकबाल मटिया महल सीट पर छह बार विधायक रहे हैं। हालांकि, वह अलग-अलग पार्टियों से एमएलए रहे हैं। इनमें जनता दल, जेडीएस, लोजपा, जेडीयू और कांग्रेस शामिल हैं। 2020 के चुनावों से पहले वे आप में शामिल हो गए थे।

आप ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट

आंतरिक कलह के बीच आप ने रविवार को 30 नवंबर को होने वाले एमसीडी उपचुनाव के लिए 12 उम्मीदवारों की घोषणा की। इनमें से आप ने शालीमार बाग वार्ड से वकील और वॉलंटियर बबीता अहलावत को मैदान में उतारा है। इसकी स्टूडेंट विंग की अध्यक्ष ईशना गुप्ता ग्रेटर कैलाश वार्ड से चुनाव लड़ रही हैं। विनोद नगर से पार्टी ने पूर्व पार्षद गीता रावत को उम्मीदवार बनाया है। अन्य जाने-पहचाने चेहरों में एमसीडी में आप के पूर्व विपक्ष नेता अनिल लाकड़ा शामिल हैं और पूर्व पार्षद की पत्नी सीमा विकास गोयल को अशोक विहार से मैदान में उतारा गया है।

आम आदमी पार्टी पर बीजेपी ने बोला हमला

इस बीच, दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने पार्टी पर निशाना साधते हुए दावा किया, “आप ने गलती से दिचांव कलां की महिला आरक्षित सीट पर केशव चौहान नाम के एक व्यक्ति को उम्मीदवार घोषित कर दिया, जबकि उनकी पत्नी ही असली उम्मीदवार थीं। 2021-22 में रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार गीता रावत को टिकट दे दिया। आप जहां दूसरों पर वंशवाद का आरोप लगाती है, वहीं अब खुद भाई-भतीजावाद और छल-कपट में फंस गई है।”

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