बिहार में शराबबंदी के बावजूद गोपालगंज में 16 से अधिक लोगों की जहरीली शराब पीने से हुई मौत की घटना की सीबीआई जांच की मांग करते हुए जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने शुक्रवार (19 अगस्त) को कहा कि राज्य में शराबबंदी के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है और राज्य सरकार के इस काले कानून के खिलाफ उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगी। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री और क्षेत्र के विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की भी मांग की। राज्य की जदयू-राजद महागठबंधन सरकार पर शराबंबदी कानून को लेकर तीखा प्रहार करते हुए पप्पू यादव ने यहां कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद मौत के सौदागर बन गए हैं। गोपालगंज में 16 से अधिक लोगों की मौत कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई है।

उन्होंने कहा कि मद्यनिषेध के नाम पर अगर शराब पीने वाले के परिवार को जेल भेजा जा सकता है तो राज्य के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं जेल भेजा जा सकता है? उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए समान है। मरने वालों को मुआवजा देने से केवल बात नहीं बनेगी। हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उस क्षेत्र के विधायक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए। राजद से निष्कासित सांसद ने कहा कि वह गोपालगंज घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हैं। पप्पू यादव ने संवाददाताओं से कहा कि शराबबंदी का विचार अच्छा है और इस पर अमल होना चाहिए । लेकिन नीतीश कुमार के काले कानून में जिस तरह से शराब पीने वाले के परिवार के लोगों, महिलाओं को परेशान किया जा रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस काले कानून के खिलाफ जन अधिकार पार्टी उच्चतम न्यायालय जाएगी।

पप्पू यादव ने कहा कि दलितों, अल्पसंख्यकों, अति पिछड़ा वर्गो के लोगों का राजनीतिक इस्तेमाल किया गया है । उनकी पार्टी एक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है जिसमें दलितों के शौचालयों की सफाई करने और मृत जानवरों को उठाने जैसे कार्यो पर रोक लगाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नाई, धोबी, बुनकरों आदि के पारंपरिक कार्यो पर दूसरे लोगों ने अधिकार कर लिया । जब व्यवसाय बदल गया तब जाति के आधार पर कुछ कार्यो को क्यों जारी रखा जा रहा है? मधेपुरा के सांसद ने कहा कि जाति व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जहां दलितों के बच्चे भी प्रोफेसर, वैज्ञानिक, डाक्टर, जज बन सकें। उन्होंने महात्मा गांधी की तरह से सुभाष चंद्र बोस और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को भी राष्ट्रपिता का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली में आगामी एमसीडी चुनाव लड़ेगी।