श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंपोर में पिछले सप्ताह लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादियों के हमले में यूनाईटेड जिहाद काउंसिल के सुप्रीमो सैयद सलाहुद्दीन के बेटे सैयद मुईन सहित करीब 100 कर्मचारी और प्रशिक्षु सरकारी इमारत में फंस गये थे। अधिकारियों ने बताया कि जिस समय शनिवार को तीन आतंकवादियों ने राजमार्ग पर सीआरपीएफ के एक काफिले पर गोलीबारी के बाद परिसर में प्रवेश किया उस समय पंपोर के जम्मू कश्मीर एंट्रोप्रेनेउरशिप डेवमेंट इस्टीच्यूट (जेकेईडीआई) में एक सूचना तकनीकी मैनेजर के रूप में कार्यरत मुईन अपने सहकर्मियों के साथ दोपहर में नमाज अदा कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि जिस समय आतंकवादी परिसर के मुख्य बहुमंजिला इमारत की ओर जा रहे थे उस समय महिलाओं सहित वहां मौजूद करीब 20 कर्मचारी भयभीत हो गये और मुईन सहित कुछ लोग ने नमाज छोड़कर सीढ़ियों की ओर लपके।

आतंकवादियों ने उनसे अपना मोबाइल फोन छोड़ने और भवन से बाहर जाने का निर्देश दिया। कर्मचारी पिछले दरवाजे से नजदीकी छात्रावास भवन की ओर निकले जहां पर और कर्मचारी और प्रशिक्षु छिपे हुये थे। एक माली को गोली मारा गया था और जिसकी बाद में मौत हो गयी, उसे छोड़ कर उन सभी को परिसर से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सुरक्षा बलों ने मदद प्रदान की।

परिसर से सभी नागरिकों को बाहर निकाले जाने के बाद सुरक्षा बलों और छिपे हुये आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गयी और तीन दिनों के बाद मुठभेड़ समाप्त होने पर तीन आतंकवादियों मारे गये। ये सभी विदेशी थे। मुठभेड़ में स्पेशल फोर्स के दो कैप्टन सहित तीन सैन्यकर्मी और दो सीआरपीएफ जवान शहीद हुये थे और मुख्य भवन को बुरी तरह नुकसान पहुंचा था।