एआईएमआईएम (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कांवड़ियों के स्वागत करने और उनके ऊपर फूलों की पंखुड़ियां की बौछार करने को यूपी की योगी सरकार का मजहबी भेदभाव करार दिया। कहा कि यह रेवड़ी कल्चर को बढ़ावा देना है। उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट करके यह टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि हरिद्वार से लौट रहे कांवड़ियों का गाजियाबाद जिला पुलिस और प्रशासन के अफसर फूलों और राष्ट्रीय झंडे के साथ स्वागत कर रहे हैं। यात्रा में घायल कांवड़ियों को लोशन लगाया जा रहा है। कहा कि इनका स्वागत किया जा रहा है और हमारे लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं।
अपनी ट्वीट में उन्होंने लिखा, “पुलिस ने पंखुड़ियां बौछार कीं, कांवड़ियों का झंडों से “इस्तक़बाल” किया, उनके पैरों पर लोशन लगाया और उनके साथ इंतेहाई शफ़क़त से पेश आए।” कहा, “अगर इन पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे घर तो मत तोड़िए। @DelhiPolice ने लोहारों को हटाने की बात की, ताकि कांवड़िया नाराज़ न हो जाएं, उ.प्र हुकूमत ने यात्रा के रास्तों पर गोश्त पर पाबंदी लगा दी।”
चौकी इंचार्ज असलम हुसैन के नेम प्लेट पर कालिख पोतने पर भी जताया एतराज
मेरठ के खिर्वा पुलिस चौकी पर कथित रूप से चौकी इंचार्ज असलम हुसैन के नेम प्लेट पर कालिख पोतने और हंगामा करने पर भी उन्होंने एतराज जताया। कहा, “कांवड़ियों के जज़्बात इतने मुतज़लज़ल हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिस अहलकार का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह भेद-भाव क्यों? यकसानियत नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मज़हब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों?”
असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि कांवड़ियों के स्वागत के लिए जगह-जगह इंतजाम किए गए हैं। कहीं खाने-पीने की व्यवस्था है तो कहीं आराम करने के लिए जगह दी गई है। जबकि दूसरे मजहब के लोगों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं किया जाता है। गाजियाबाद जिला प्रशासन की तरफ से गंग नहर पर कावड़ियों पर आसमान से पुष्प वर्षा की गई।
इससे पहले उन्होंने पीएम मोदी पर भी कई तरह के आरोप लगाए थे। कहा कि पीएम मोदी सावरकर और गोलवलकर की नीति पर काम कर रहे हैं। उसी नीति पर काम करते हुए उन्होंने देश के मुसलमानों को सेकंड क्लास सिटीजन बना दिया है। ओवैसी ने मोदी सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स में स्वनिधि योजना को लेकर तीखा वार किया है।
