Oscars 2019 में डॉक्युमेंट्री बेस्ड फिल्मों की शॉर्ट सब्जेक्ट कैटिगिरी में भारत के ग्रामीण इलाकों पर बनी फिल्म End of Sentece ने खिताब जीता। यह फिल्म पीरियड्स पर आधारित है। इसमें उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिला स्थित काथीखेड़ा गांव में सैनेट्री पैड बनाने वाली कुछ महिलाओं के ग्रुप से बातचीत की गई है। ये महिलाएं पैडमैन के नाम से मशहूर अरुणाचलम मुरुगंथम की मशीन से सैनेट्री पैड बनाती हैं। सोमवार सुबह काथीखेड़ा की स्नेहा ने वॉट्सऐप कॉल पर अपने भाई कपिल को अवॉर्ड जीतने की खबर दी तो पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हापुड़ के लोगों को बधाई दी है।
कौन हैं स्नेहा : हापुड़ के गांव काथीखेड़ा में रहने वाली स्नेहा अब किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं, लेकिन 2 दिन पहले ऐसी कोई बात नहीं थी। गांव के अलावा हापुड़ जिले के लोग तक उनके बारे में नहीं जानते थे, लेकिन अब उनका नाम अमेरिका तक गूंज रहा है। स्नेहा गांव में सैनेट्री पैड बनाने का काम करती हैं और इस पर बनी एक डॉक्युमेंट्री फिल्म में उन्होंने मुख्य भूमिका भी निभाई है।

21 को अमेरिकी गई थीं स्नेहा : 23 से 25 फरवरी तक चले ऑस्कर अकैडमी अवॉर्ड में इस फिल्म ने शॉर्ट सब्जेक्ट कैटिगिरी का ऑस्कर अपने नाम किया। बता दें कि इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए गांव की एनजीओ संचालिका सुमन और स्नेहा 21 फरवरी को अमेरिका गई थीं।

क्या है फिल्म में? : यह फिल्म सैनेट्री पैड को लेकर लोगों की जागरूकता पर आधारित है। इसमें एक सीन कुछ इस तरह है। ‘‘दो लड़कियों से पीरियड्स के बारे में पूछा जाता है। वे फुसफुसाते हुए हंसती हैं और अपना चेहरा छिपा लेती हैं। एक महिला कहती है कि मैं जानती तो हूं, लेकिन मुझे शर्म आती है।
पीरियड्स पर लड़कों ने दिया यह जवाब : स्कूल जाने वाले कुछ लड़कों से भी पूछा जाता है कि पीरियड्स क्या हैं? उनमें से एक कहता है कि यह क्लास का पीरियड होता है। उसके बाद स्कूल की घंटी बजती है।’’ इस फिल्म में गांव काठीखेड़ा की स्नेहा समेत करीब 7-8 लड़कियों ने काम किया है।

