ओडिशा के कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने रविवार (छह जनवरी, 2019) को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के दफ्तर में त्याग-पत्र भेजा, जिसके उन्होंने लिखा कि वह नैतिक आधार पर पद छोड़ रहे हैं। इस्तीफे पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं बीजद का ईमानदार कार्यकर्ता हूं। पार्टी और सीएम की इज्जत करता हूं। मेरी वजह से पार्टी पर किसी प्रकार की परेशानी न आए, लिहाजा मैंने यह फैसला लिया।”

बता दें कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पटनायक सरकार से उन्हें हटाने को लेकर लगातार मांग उठा रही थीं। दरअसल, साल 2011 में पीपिली में एक लड़की की गैंगरेप के हत्या कर दी गई थी। उस मामले में स्थानीय कोर्ट के फैसले पर महारथी ने टिप्पणी की थी, जिस पर विवाद हो गया था।

भुवनेश्वर स्थित एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज ने 24 दिसंबर को उस मामले में सबूतों की कमी के चलते मुख्यारोपी प्रशांत प्रधान और उसके भाई सुकांत को बरी कर दिया था। कोर्ट के फैसले पर महारथी बोले थे, “सच सामने आ गया है और अब पुलिस को यह पता करना होगा कि आखिर पीड़िता की मौत कैसे हुई। मेरी संवेदना पीड़िता और उसके परिवार के साथ है, पर मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं।”

हालांकि, काफी बवाल के बाद उन्होंने इस बयान पर माफी भी मांगी थी, मगर विपक्ष इस मसले पर उन्हें घेरे रहे। बीजेपी महिला मोर्चा और ओडिशा प्रदेश महिला कांग्रेस ने तो उनकी टिप्पणी पर राज्यव्यापी प्रदर्शन की चेतावनी तक दे दी थी। वहीं, शनिवार (चार जनवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बारीपद में एक जनसभा के दौरान पटनायक सरकार को इसी मामले को लेकर घेरा था। सुनें, इस्तीफे को लेकर क्या बोले महारथी-