ओडिशा में देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए 9 साल के भाई की बलि दे दी। भाई ने इस घटना को अंजाम देने के लिए चाचा की मदद दी। लाश मिलने के तीन दिन पहले से ही बच्चा घर से गायब था। बच्चे की हत्या बेरहमी से की गई। मौके से बच्चे का बिना सिर का धड़ मिला है।
13 अक्टूबर से बलांगीर जिले का 9 वर्षीय घनश्याम राणा नाम का बच्चा गायब था। बच्चे के चाचा कुंजा राणा और और उसके चचेरे भाई संभावन राणाको जादुई और मायावी शक्तियों पर भरोसा है। दोनों अब पुलिस हिरासत में हैं। पुलिस को उन्होंने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि यदि नवरात्र में किसी बच्चे की बलि देते हैं तो मां दुर्गा प्रसन्न होंगी और मनोकमना पूरी हो जाएगी।
दोनों ने पुलिस की पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकर कर लिया है। मायावी शक्तियों में यकीन रखने वाले दोनों आरोपियों ने मां दुर्गा को खुश रखने के लिए इस बच्चे की हत्या का प्लान बनाया। इसी वजह से उसने बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी।
ऐसी ही घटना पिछले साल 2017 में भी देखने को मिली थी। ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में कई तांत्रिक और जादू टोना करने वाले साधु बहला फुसलाकर या लोगों पर दबाव डालकर इस प्रकार के जघन्य अपराध कराते हैं।
बता दें कि, पूरे राज्य में अंधविश्वास और काले जादू पर लोगों भरोसा है। ऐसी खबरें यहां से आती रहती हैं। बीते अगस्त में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया था। ओडिशा के नवरंगपुर जिले में अंधविश्वास के चलते करीब 23 बच्चों गर्म सरिया से दागा गया था। एक 7 माह का बच्चा भी इनमें शामिल था। स्थानीय लोगों का मानना है कि इससे स्वास्थ्य बेहतर रहता है।