उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में खुखरी (धारदार हथियार चाकू) बनाने वाले एक दुकानदार ने दावा किया कि उसके यहां से पिछले चार दशक से इंडियन आर्मी को खुखरी सप्लाई की जा रही है। लेकिन अब अमेरिकी सेना के अधिकारी से भी उसे 60 खुखरी का ऑर्डर मिला है। उसने बताया कि इसका उपयोग खाड़ी देशों में ऑपरेशन के दौरान किया जाएगा। करीब 100 साल पुरानी दुकान के मालिक ने बताया कि यहां बनी खुखरी का प्रयोग भारतीय सेना ने 1965 और 1971 के युद्धों में किया था।
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बता दें कि देहरादून के डाकरा बाजार में सतीश की खुखरी निर्माण की एक दुकान को कुछ दिन पहले 60 खुखरियों के निर्माण का ऑर्डर मिला। खुखरी को गोरखाओं का एक पारंपरिक हथियार माना जाता है। 100 साल से अधिक पुरानी अपनी इस दुकान में सतीश चौथी पीढ़ी के रूप में काम कर रहे हैं। उनके यहां से भारतीय सेना की रेजिमेंटों को खुखरी की आपूर्ति की जाती है। खुखरी निर्माता ने बताया कि यूएस आर्मी के मरीन कमांडों ने खुद दुकान में आकर यह ऑर्डर दिया है।
सतीश ने बताया कि कुछ दिनों पहले मेरी दुकान पर एक अधिकारी के साथ खुखरी के बारे में पूछताछ करने के लिए यूएस आर्मी का जवान आया था। उन्होंने बताया कि रानीखेत में भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के बीच एक संयुक्त अभ्यास के दौरान गोरखा रेजीमेंट के सैनिकों के पास खुखरी देखने के बाद उसने इसे लेना का मन बनाया। सतीश ने आगे बताया कि अमेरिकी सेना के अधिकारी ने जब अपने चाकू से हमारे हथियार की तुलना की तो वे इससे काफी प्रभावित हुए। तब मैंने उन्हें मशीन-निर्मित और हस्त-निर्मित दोनों खुखरी को दिखाया और इस दौरान यूएस आर्मी के जवान ने हस्त-निर्मित खुखरी को पसंद किया। यूएस आर्मी के जवान ने बताया कि इन खुखरी का इस्तेमाल खाड़ी में तैनात उनकी सेना द्वारा ऑपरेशन में किया जाएगा। उन्होंने भविष्य में और अधिक ऑर्डर देने का भी वादा किया।
सतीश ने आगे बताया कि यह पहली बार है कि किसी विदेशी सेना के अधिकारी ने अपने उपयोग के लिए बड़ा ऑर्डर दिया है। इससे पहले मैंने ऑस्ट्रेलिया, यूएई और ब्रिटिश सेना के अधिकारियों को भी उपहार स्वरूप खुखरी भेंट की है। इस दौरान दुकान में काम करने वाले अब्दुल सादिक ने कहा कि हमें अपने काम पर गर्व है कि हम भारतीय सेना के जवानों के लिए खुखरी बनाते हैं। इस खुखरियों का इस्तेमाल सेना ने 1965 और 1971 की जंग में भी किया था। बता दें कि नेपाल की सेना, गोरखा रायफल्स ऑफ़ ब्रिटिश आर्मी, असम रायफल्स, गढ़वाल रायफल्स, गोरखा रेजिमेंट आदि खुखरी का प्रयोग करते हैं।