उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और भारतीय सुहेलदेव पार्टी के बीच गठबंधन खत्म होने के बाद जुबानी जंग तेज हो गई है। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि आज पूरा विपक्ष ओम प्रकाश राजभर को निशाने पर ले रखा है। जिसका उन्होंने कारण भी बताया।
राजभर ने कहा कि हमको इसलिए निशाने पर लिया जाता है कि हम अति पिछड़े और अति दलित की बात सदन से लेकर सड़क तक उठाते हैं। उन्होंने कहा कि जब यह लोग सत्ता में होते है, तब अति पिछड़े और अति दलित की बात क्यों नहीं करते। उन्होंने कहा कि इन जातियों के लोगों की शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य को लेकर जब हम सवाल खड़ा करते हैं तो लोगों को बुरा लगता है। इसी को लेकर लोग परेशान हैं।
राजभर ने कहा कि 2022 का विधानसभा का पूरा चुनाव हमारे इर्द-गिर्द ही रहा। सबसे ज्यादा चर्चा में भी ओम प्रकाश राजभर ही रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का चुनाव हुआ, मेरे पास केवल छह विधायक थे। उसके बाद भी देश की राजनीति में हम चर्चा में एक नंबर पर रहे।
सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि अब 2024 का लोकसभा चुनाव आ रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियों की निगाहें राजभर की तरफ हैं। समाजवादी पार्टी के पदयात्रा को लेकर जब ओपी राजभर से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि ये उनकी उप्लब्धि हैं कि अखिलेश यादव अब एसी से बाहर निकल आए।
वहीं लखनऊ में सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव की सीएम योगी से मुलाकात को लेकर ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने मंगलवार को कहा कि जब सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान 27 महीने जेल में रहे। तब वो उनसे मिलने नहीं गए थे, लेकिन सीएम योगी से मिलने पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर दलित, वंचित, मजलूमों के हक की आवाज के लिए सीएम योगी से मिलते थे, तब यही समाजवादी पार्टी के लोग कहते थे कि ईडी से डर गए हैं। जान बचाने के लिए मिल रहे हैं।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि अब वो लोग कहां हैं, बिल से बाहर निकलें। चोरी-चोरी, छुपके-छुपके किससे मिलने जा रहे। उन्होंने रामगोपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि कैमरे पर आकर बोल नहीं पा रहे और ट्वीट कर रहे हैं कि कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए जा रहे हैं कि उनको प्रताड़ित न किया जाए।