उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का नामांकन रद्द होने के बाद सुभासपा ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है।

उन्होंने कहा कि वो 5 साल सूबे के मुख्यमंत्री रहे हैं और उनको इतना नहीं मालूम कि एमएलसी के प्रत्याशी की उम्र कितनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह अखिलेश ने अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया है।

बुधवार को भी ओम प्रकाश राजभर ने इस मुद्दे को लेकर सपा प्रमुख पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश चुनाव को गंभीरता से नहीं लेते हैं, उन्हें अभी काफी कुछ सीखना बाकी है। उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख को अभी राजनीति कैसे गंभीरता से की जाती है, उसे सीखना बाकी है।

बता दें कि 1 अगस्त को कीर्ति कोल ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर नामांकन भरा था, लेकिन चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया। एमएलसी चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की उम्र कम से कम 30 साल होनी आवश्यक है, लेकिन कीर्ति कोल के नामांकन में उनकी उम्र 28 साल दिखाई गई थी। इस कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। कीर्ति कोल समाजवादी पार्टी महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव भी हैं।

वहीं, बीजेपी ने भी इसे लेकर सपा पर हमला बोला है और इसे आदिवासी समाज के साथ भद्दा मजा करार दिया है। कीर्ति कोल आदिवासी समुदाय से आती हैं। वो मिर्जापुर जिले से हैं और उनके पिता पूर्व विधायक भाई लाल कोल हैं। उन्होंने इस साल हुए विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लिया था, लेकिन इसमें वो हार गई थीं। उन्होंने मिर्जापुर जिले की छानबे विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था।

कीर्ति कोल की विधान परिषद की उम्मीदवारी रद्द होने के बाद पार्टी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोई पार्टी इतनी गैर जिम्मेदार हो सकती है कि उसे विधान परिषद के लिए प्रत्याशी की न्यूनतम उम्र तक का पता ही नहीं।