सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और सपा के मुखिया अखिलेश यादव के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की गुरुवार को हुई प्रेस वार्ता में भी सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर नजर नहीं आए। जबकि, सपा के एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत सिंह इस दौरान वहां मौजूद थे। इस बीच, ओपी राजभर ने सपा के साथ तल्खी की खबरों पर कहा है कि उन्हें अखिलेश यादव की तरफ से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार है।
राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे सपा से गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने स्तर से पहल नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें अखिलेश यादव से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार है। राजभर ने कहा कि वे अभी भी सपा के साथ हैं लेकिन अगर अखिलेश यादव उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहेंगे तो वे जबरदस्ती नहीं रहेंगे।
हालिया मतभेदों के बाद ओपी राजभर राष्ट्रपति चुनाव में किसका साथ देंगे, इसके लिए उन्होंने 12 जुलाई को पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई है। हालांकि, अखिलेश यादव से नाराजगी की खबरों पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, मीटिंग का क्रम चलता रहता है। जबकि यशवंत सिन्हा के समर्थन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में न बुलाए जाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि हो सकता है अखिलेश यादव भूल गए हों, इसलिए बैठक में नहीं बुलाया। बता दें कि सुभासपा के 6 विधायक हैं।
हालांकि, ओमप्रकाश राजभर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि समाजवादी पार्टी में अगर सम्मान होता तो जैसा बताया जा रहा है, वो (अखिलेश यादव) क्यों नहीं बुलाते, अपमान करने के लिए ही तो नहीं बुला रहे हैं। इस बयान से कहीं न कहीं नजर आ रहा है कि राजभर अखिलेश यादव से नाराज हैं। ओपी राजभर आजमगढ़ उपचुनाव में हार के बाद से लगातार अखिलेश यादव पर निशाना साधते रहे हैं।
हाल ही में सुभासपा प्रमुख ने कहा था कि अखिलेश यादव को अब एसी कमरे से बाहर निकलकर कार्यकर्ताओं के बीच जाना चाहिए और अपने संगठन को मजबूत करना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि ऐसा नहीं लगता कि वे भाजपा के साथ गठबंधन में ही ज्यादा आराम से थे, इस पर राजभर ने कहा कि बसपा क्या खराब है? सबसे बढ़िया तो बसपा ही है।