तिरुवनंतपुरम की रहने वाली धान्या सनल ने केरल की अगस्त्यकूदम चोटी पर 22 किमी की चढ़ाई कर इतिहास रच दिया। वे ऐसा करने वाली पहली महिला बन गई हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में इस सालाना कार्यक्रम में महिलाओं के शरीक होने पर लगे प्रतिबंध को केरल हाई कोर्ट ने हटा दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में उपनिदेशक के पद पर कार्यरत धान्या ने सोमवार को यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
1868 मीटर ऊंची है चोटीः प्राप्त जानकारी के मुताबिक 100 ट्रैकर्स के दल में धान्या अकेली महिला थीं। 1868 मीटर ऊंची इस चोटी तक पहुंचने के लिए 22 किमी चलना पड़ता है। यह चोटी तिरुवनंतपुरम जिले में नैय्यर वन्यजीव अभ्यारण्य के बीच स्थित है। इस दल ने बोनक्कड़ के बेस कैंप से सोमवार की सुबह चढ़ाई शुरू की थी। सोमवार की रात उन्होंने अथिरुमाला में कैंप लगाया था। केरल वन विभाग की तरफ से आयोजित होने वाले इस ट्रैकिंग प्रोग्राम में अगले 47 दिनों तक रोज 100 लोगों का एक दल रवाना किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस बार इस यात्रा के लिए पंजीयन कराने वाली 4700 महिलाओं में से 100 महिलाएं हैं।
क्या है यात्रा का मकसदः मूलतः मलप्पुरम के मंजेरी की रहने वालीं धान्या के मुताबिक इस यात्रा का मकसद जंगलों को समझना और अपने अनूठे अनुभव को दूसरों के साथ साझा करना है। नर्सिंग में स्नातक धान्या ने 2012 में आईआईएस ज्वॉइन किया था। उल्लेखनीय है कि सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हुए हंगामे की तरह ही अगस्त्यकूदम में भी वहां की कानी जनजाति के करीब 200 लोगों ने महिलाओं के प्रवेश का विरोध किया है।
यहां महिलाओं के प्रवेश का विरोध क्यों? कानी जनजाति के नेताओं का कहना है कि इस इलाके में कई महिलाएं रहती हैं लेकिन वे कभी चोटी तक नहीं जाती। इनका कहना है, ‘हम अगस्त्य मुनि की पूजा करते हैं। उन्हें अनंत ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला माना जाता है। इसीलिए महिलाओं को चोटी तक जाने की इजाजत नहीं है। हमारा मानना है कि यदि इस परंपरा को तोड़ा गया तो कुछ अनहोनी होगी।’

