ओडिशा रेल हादसे को लेकर एक तरफ पूरा देश दुखी है तो दूसरी तरफ इस पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक वीडियो वायरल हो गया है। उस वीडियो में ममता रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने ही कह रही हैं कि रेलवे में कॉर्डिनेशन की कमी रही। यहां तक कहा गया कि रेलवे को स्पेशल ट्रीटमेंट की जरूरत है, जो नहीं दिया जा रहा।

ममता ने क्या बोला, विवाद क्या?

अब जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार को सीएम ममता बनर्जी भी घटनास्थल पर स्थिति का जायजा लेने आई थीं। वहां पर उनके साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे। जायजा लेने के बाद सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कह दिया कि मुझे जो आंकड़े मिल रहे हैं, उसके मुताबिक 500 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। ये सुन तुरंत रेल मंत्री ने ममता बनर्जी को बीच में ही टोक दिया। उन्होंने कहा कि अभी सुबह का जो आंकड़ा है वो 238 का है। इस पर ममता बोलीं- वो तो पुराना है, लेटेस्ट क्या चल रहा है। तब विस्तार से बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जो आंकड़ा जारी किया है, वो अभी 238 का है। इसके बाद ममता ने भी वहीं आंकड़ा दोहराते हुए अपनी बात को आगे रखा।

ममता ने बड़ा ऐलान क्या किया?

बड़ी बात ये रही कि पहले तो केंद्रीय मंत्री ने सीएम को टोका, इसके बाद ममता ने भी मंत्री के सामने ही सरकार को आईना दिखाने का काम कर दिया। मीडिया से बात करते हुए ममता ने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस में टक्कर रोकने वाला सिस्टम मौजूद नहीं था। जब मैं रेल मंत्री थी, मैंने ही इसकी कवायद की थी कि अगर एक ही ट्रेक पर दो ट्रेनें चलें तो एक निश्चित दूरी पर वो रुक जाएं। लेकिन मैं केंद्रीय मंत्री को बताना चाहती हूं कि इस ट्रेन में ऐसा कोई सिस्टम मौजूद नहीं था।

सीएम ममता बनर्जी ने अपना निजी अनुभव साझा करते हुए ये भी बताया कि रेलवे तो मेरे बच्चे की तरह है। ये नहीं भूलना चाहिए कि मैं भी रेल परिवार का ही एक हिस्सा हूं। मैं लगातार अपने सुझाव देने को तैयार हूं। अगर यहां पर घायलों का इलाज नहीं हो पाएगा, तो मैं उन्हें कोलकाला भी ले जा सकती हूं। वैसे एक तरफ ये सियासी बयानबाजी चल रही है तो दूसरी तरफ जो जांच की रिपोर्ट सामने आई है, उससे हादसे की असल वजह समझ आई है।

हादसे की वजह क्या रही?

निरीक्षण रिपोर्ट जो सामने आई है, उसके मुताबिक समय रहते दूसरी ट्रेन को सिग्नल ही नहीं मिल पाया था, उसी वजह से एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें आ गईं और ये बड़ा हादसा हो गया। अभी तक इस रिपोर्ट को लेकर कोई आधिकारिक बयान तो जारी नहीं किया गया है, लेकिन खबर है कि सिग्नल ना मिलना ही हादसे की बड़ी वजह बना है। यहां तकनीकी शब्द लूप लाइन है। असल में जब किसी स्टेशन पर एक ट्रेन को पास कराना होता है तो दूसरी ट्रेन को लूप लाइन पर रखा जाता है। इस केस में भी मालगाड़ी लूप लाइन पर थी जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए रास्ता क्लियर हो सके। अब कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से गुजर रही थी, तभी उसके कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए। इस वजह से कुछ डिब्बे मागलाड़ी से जा टकराए। फिर उसी ट्रैक पर दौड़ती हुई यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस आई और कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गई।