ओडिशा रेल हादसे के बाद से इस पर सियासत भी तेज हो गई है। एक तरफ मौत के आंकड़ों को लेकर विवाद चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी विवादों में फंस गई हैं। असल में सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि इस हादसे में जिन बंगाल के लोगों ने जान गंवाई, उन्हें भी आर्थिक सहायता दी जाएगी।
नकद में मदद, वो भी 2000 के नोट!
उसी कड़ी में बीजेपी ने एक वीडियो शेयर कर दावा कर दिया है कि ममता बनर्जी की पार्टी लोगों की मदद तो कर रही है, लेकिन सहायता के नाम पर उन्हें 2000 रुपये के नोट दिए जा रहे हैं। अब जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले ही आरबीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। अभी नोट लीगल टेंडर जरूर हैं, लेकिन इन्हें बैक में जाकर बदलवाना होगा। इसी वजह से अब जब टीएमसी नेताओं की तरफ से दो हजार के नोट बांट दिए हैं, कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
बीजेपी नेता सुकांत माजुमदार ने ट्वीट कर लिखा कि ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य के एक मंत्री तृणमूल पार्टी की ओर से पीड़ित परिवारों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दे रहे हैं. मैं आपकी सराहना करता हूं। लेकिन इस संदर्भ में मैं यह सवाल भी रख रहा हूं कि 2000 रुपये के नोटों में 2000 रुपये के बंडल का स्रोत क्या है?
बीजेपी ने क्या थ्योरी निकाल दी?
वैसे टीएमसी ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए बीजेपी पर ही पलटवार कर दिया है। जोर देकर कहा गया है कि इन्हीं की सरकार ने कहा है कि 2000 रुपये के नोट अभी भी लीगल टेंडर हैं, ऐसे में ये सवाल कैसे उठाया जा सकता है। अब इस पूरे विवाद का बैकग्राउंड ये है कि टीएमसी के कई नेताओं के घर पर ईडी की रेड पड़ चुकी है, वहां भी 2000 रुपये के नोटों के कई पहाड़ देखने को मिले हैं। ऐसे में बीजेपी अब आरोप लगा रही है कि ओडिशा हादसे के पीड़ितों को नकद में राशि देकर पार्टी ब्लैक मनी को व्हाइट करने की कोशिश कर रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि जिसने भी इस भीषण रेल हादसे में जान गंवाई है, उनके परिवार को 10 लाख रुपये देने की बात कही गई है, वहीं ज्यादा जख्मी हुए हैं तो 2 लाख रुपये और हल्की चोट वालों को 50 हजार रुपये का प्रावधान है।