उदयपुर और अजमेर में गला काटने वाली घटना पर एक निजी टीवी चैनल पर चल रही डिबेट के दौरान राजनीतिक विश्लेषक शिवम त्यागी भड़क गए। उन्होंने कहा कि वोट बैंक किसी का कोई भी हो, लेकिन आप कानून व्यवस्था से खिलवाड़ न करें। कार्रवाई में हिंदू-मुसलमान ने देखें। उनका यह इशारा अजमेर शरीफ के खादिम सलमान चिश्ती की तरफ था। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार ऐसे लोगों को बचाने का काम कर रही है। वहीं महंत नवल किशोर दास ने कहा कि जिस तरह खुलेआम धमकियां दी जा रही हैं निःसंदेह राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

महंत ने कहा कि कट्टरपंथियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होता रहा है। यही वजह है कि आजाद देश में लोग कह रहे है कि सिर ले आओ, मेरा मकान ले जाओ। दो करोड़ रुपए देंगे, जीभ काट लो। महंत ने कहा कि बताओ इन लोगों को कोई कानून को डर है क्या है, जो खुलेआम धमकियां दी जा रहीं यह नि:संदेह राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उसके बाद राजनीतिक लोग ऐसे बयान देने वालों को समर्थन कर रहे हैं। देश को खुला आतंकवाद का तमाशा बनाया जा रहा है। जो बहुत चिंताजनक। उन्होंने कहा कि देश में कानून का सम्मान सभी को करना पड़ेगा। आस्था के नाम पर देश नहीं चल सकता।

राजनीतिक विश्लेषक शिवम त्यागी ने कहा कि राजस्थान में सिर तन से जुदा करने की बात हो रही है। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है, वहां कार्रवाई हो रही है। जहां विपक्ष की सरकारें हैं, वहां कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि उमेश कोल्हे के केस को दबाने की कोशिश की गई गई। कहा गया कि लूट का केस है। राजस्थान के उदयपुर हत्याकांड तुरंत बाहर आ गया, नहीं तो उसको भी दबा दिया जाता। त्यागी ने कहा कि अजमेर में एक समुदाय के लोग हर रोज गलत बयानबाजी कर रहे हैं। उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उल्टा उनको बचाने का काम किया जा रहा है। उनको समझाया जा रहा है कि बोल देना कि नशे में थे।

तस्लीमा नसरीन ने क्या कहा था-
लेखिका तस्लीमा नसरीन ने अजमेर शरीफ के खादिम सलमान चिश्ती के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा है कि कोई ऐसा बेवकूफ़ाना बयान कैसे दे सकता है? नसरीन ने तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी थी, जो उन्होंने मां काली को लेकर कहा है। तस्लीमा नसरीन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से लिखा अजमेर शरीफ के खादिम इतना स्टुपिड स्टेटमेंट कैसे दे सकते हैं? पहले उन्होंने कहा था कि वह चाहते तो नूपुर शर्मा को मार देते। अब कहा कि जो भी नूपुर शर्मा का सिर काट कर लाएगा, उसे अपना मकान दे देंगे। ऐसे बेवकूफ़ाना बयान देते वक्त हर कोई अभिव्यक्ति की आजादी की बात भूल जाता है, जो धार्मिक भावना से कहीं ज्यादा जरूरी है।