संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ से जुड़े विवाद में अब गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी कूद गए हैं। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया है। पाटीदार नेता ने मुख्यमंत्री से इस फिल्म को गुजरात में रिलीज न होने देने का अनुरोध किया है। फिल्म को 25 जनवरी को पूरे देश में रिलीज करने की योजना है। गुजरात के सीएम को लिखी चिट्ठी में हार्दिक ने कहा कि अभी गुजरात में राजपूत और हिन्दू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर कड़ा विरोध चल रहा है। उन्होंने लिखा, ‘फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है, मेरी और आपकी जिम्मेदारी है कि हमारे गौरवपूर्ण इतिहास का मजाक ना उड़ाया जाए। महारानी पद्मावती राज्य और महिलाओं के सम्मान के लिए सती हुई थीं। ऐसे में मेरी विनती है कि कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पद्मावत को गुजरात में रिलीज ना होने दिया जाए।’
बता दें कि करणी सेना ‘पद्मावत’ का शुरू से ही विरोध कर रही है। देश के कई हिस्सों में इसको लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई थीं, जिन्हें शीर्ष अदालत ठुकरा चुकी है। कोर्ट ने फिल्म को पूरे देश में रिलीज करने की अनुमति दे दी है। इसके बावजूद विरोध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा शासित राज्यों मध्य प्रदेश और राजस्थान ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। मालूम हो कि इन दोनों के अलावा हरियाणा में भी पद्मावत के रिलीज पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म को हरी झंडी दे दी है।
संजय लीला भंसाली ने करणी सेना को पद्मावत फिल्म देखने का न्यौता दिया था। संगठन के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी ने पहले इसे स्वीकार कर लिया, लेकिन बाद में अपने बयान से पलटते हुए फिल्म देखने से इनकार कर दिया। उन्होंने फिल्म का विरोध करते रहने की भी बात कही है। कालवी ने कहा था कि भंसाली के पत्र में फिल्म दिखाने की तिथि और जगह का उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने भंसाली के कदम को नाटक और दिखावा करार दिया था। इस फिल्म में रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। सेंसर बोर्ड ने टाइटल में बदलाव और मामूली कांट-छांट के बाद फिल्म के प्रदर्शन की मंजूरी दे दी थी।

