कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के समीप आते ही सतारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर शुरू हो गया है। राज्‍य की सिद्दरमैया सरकार ने अल्‍पसंख्‍यक समुदाय का तुष्‍टीकरण करने के बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया है। राज्‍य सरकार ने क‍हा कि किसी भी समुदाय के साथ पक्षपात नहीं किया गया है। हिंदुओं से ज्‍यादा मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है। सरकार ने कहा कि अपराधियों और शरारती तत्‍वों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की गई है। ऐसे लोगों के खिलाफ धर्म या राजनीतिक जुड़ाव को दरकिनार करते हुए सख्‍त कदम उठाए गए हैं।

बीजेपी ने कर्नाटक में कांग्रेस के सत्‍ता में आने के बाद सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में वृद्धि होने का आरोप लगाया है। विपक्षी दल का कहना है कि कांग्रेस द्वारा अल्‍पसंख्‍यक तुष्‍टीकरण की नीति के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। राज्‍य सरकार ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि वर्ष 2013 से 2017 के बीच सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामलों में हिंदुओं से ज्‍यादा मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया। इस अवधि में 578 हिंदू और 670 मुस्लिम आरोपियों को दबोचा गया। इसके अलावा ईसाई समुदाय के छह लोगों को पकड़ा गया। कर्नाटक के गृहमंत्री आर. रामलिंगा रेड्डी ने कहा, ‘सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामलों में सरकार ने किसी भी समुदाय का समर्थन नहीं किया है। आरोपियों को न केवल गिरफ्तार किया गया बल्कि इन मामलों में आरोपपत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं। हमलोगों ने कानून को अपना काम करने दिया है।’ कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा वोटों के लिए सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण कर रही है। उन्‍होंने बताया कि भाजपा हिंदू गुटों द्वारा किए जा रहे सांप्रदायिक हिंसा के बारे में कुछ नहीं बोल रही है।

मंगलुरु में हिंदू संगठन के एक कार्यकर्ता दीपक राव की हत्‍या के बाद भाजपा राज्‍य सरकार पर हमलावर हो गई है। पार्टी नेताओं का आरोप है कि सत्‍तारूढ़ कांग्रेस पार्टी का समर्थन मिलने के कारण मुस्लिम संगठनों के हौसले बुलंद हैं। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस को हिंदू विरोधी तक करार दिया है। भजापा के प्रवक्‍ता सीटी रवि ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए हत्‍याओं की अनुमति दे रही है।