एसटीएफ नोएडा ने हरेंद्र खड़खड़ी  गिरोह की कमान संभाल रहे शार्प शूटर अनिल उर्फ यतेंद्र उर्फ पैंदा को गाजियाबाद के लोनी बार्डर से गिरफ्तार किया है। मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने उसे घेराबंदी कर पकड़ा। आरोप है कि अनिल हथियारों की खरीद के सिलसिले में वहां आया था। उसके कब्जे से एक पिस्टल, 1.25 लाख रुपये और एक मोटर साइकिल बरामद हुई है। करीब एक दर्जन हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों में वांछित अनिल पर 10 हजार रुपये का इनाम था।

नोएडा एसटीएफ के क्षेत्राधिकारी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि अपने भाई की हत्या का  बदला अनिल लेने के लिए अपराध के दलदल में उतरा था। 2009 में लूट के एक मामले में अनिल पहली बार जेल गया था। 2012 में अनिल के ताऊ के लड़के जग्गू पहलवान का केबल के कारोबार को लेकर ओमी पहलवान से झगड़ा हो गया था। ओमी ने जग्गू की हत्या कर दी थी। अनिल ने अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए कई बार कोशिश की लेकिन वो ओमी तक नहीं पहुंच सका। इसके बाद वह हरेंद्र खड़खड़ी गैंग से जुड़ गया और 19 सिंतबर 2013 को लोनी इलाके में ओमी पहलवान पर अंधाधुंध गोलियां चलाकर मौत के घाट उतार दिया। हरेंद्र खड़खड़ी के जेल जाने के बाद अनिल ने गैंग की कमान संभाल ली थी। अपनी ताकत बढ़ाने के लिए 2014 में मसूरी में विनोद पंडित की रंजिशन हत्या की थी। केबल का कारोबार करते हुए अनिल ने 2015 में खेकड़ा के भट्टा कारोबारी चिंटू बंसल की हत्या कर दी थी। चिंदू का बड़ा भाई गोलीबारी में घायल हो गया था।