बकाएदारों से वसूली करने के मामले में परिवहन विभाग काफी फिसड्डी साबित हुआ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बकाएदार और बकाए की रकम में लगातार तेजी से इजाफा होता जा रहा है। यही नहीं बकायेदारों पर जिला प्रशासन की ओर से कोई खास कार्रवाई भी नहीं की जा रही है। बकाएदार धड़ल्ले से अपने वाहनों का सड़कों पर संचालन कर रहे हैं। लेकिन संबंधित विभागों द्वारा इनपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
अहम बात यह है कि यह बकाया उन वाणिज्यिक वाहन मालिकों का है जो कर भरने में कोताही बरतते हैं। हालांकि विभाग की ओर से दावा किया गया है कि इनपर शिकंजा कसने की तैयारी तेज हो गई है। जिला प्रशासन को इनकी सूची एक बार फिर से बनाकर दी जा रही है। जाहिर है कि इससे पहले भी परिवहन विभाग ने 13 हजार बकाएदारों की सूची जिला प्रशासन को दी थी। लेकिन उससे कुछ भी फायदा होता दिखाई नहीं दिया है।
परिवहन विभाग के बकाएदारों की संख्या 15 हजार के पार चली गई
बता दें कि परिवहन विभाग के बकाएदारों की संख्या 15 हजार के पार चली गई है। वहीं इनपर बकाये रकम की बात करें तो इनपर कुल 200 करोड़ रुपए की रकम बकाया है। नियम के अनुसार, विभाग इन्हें तीन बार नोटिस जारी कर चेतावनी जारी करता है। इसके बाद भी अगर इनकी ओर से भरपाई नहीं की जाती है तो इन्हें आरसी (पुनर्प्राप्ति प्रमाणपत्र) जारी कर दी जाती है जिसकी सूची जिला प्रशासन को साझा की जाती है ताकि वह इन बकाएदारों से वसूली कर सके। जिला प्रशासन इनसे संपर्क करते हैं।
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