2017 में होनेवाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले नोएडा से ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो शुरू हो जाएगी। तय तारीख से करीब एक साल पहले परियोजना पूरी करने के लिए जहां दिन-रात काम हो रहे हैं, वहीं ग्रेटर नोएडा के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होने वाली इस मेट्रो परियोजना में फंड की कमी दूर कर दी गई है।
गुरुवार को लखनऊ में नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) की बोर्ड बैठक में 2149 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी प्रदान की गई। वहीं मार्च 2017 तक में मेट्रो का परीक्षण शुरू करना तय हुआ है। पहले चरण में ग्रेटर नोएडा की तरफ से बनने वाले छह स्टेशनों पर परीक्षण शुरू होगा। एनएमआरसी संचालन और मरम्मत के लिए कुल 964 नियुक्तियां करेगी। इनमें से 165 पदों पर 2016-17 में भर्ती होगी। भर्ती होने वालों को दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी ) 4 महीने का प्रशिक्षण देगी।
सूत्रों के मुताबिक, नोएडा से ग्रेटर नोएडा मेट्रो का खर्च दोनों प्राधिकरण मिलकर उठा रहे हैं। 70 फीसद खर्चा नोएडा और 30 फीसद खर्चा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वहन कर रहा है। उत्तर प्रदेश के चुनावी समर से पहले ग्रेटर नोएडा मेट्रो को सरकार विकास की उपलब्धि के रूप में दिखाना चाहती है। इस कारण ग्रेटर नोएडा मेट्रो का मार्च 2017 से पहले हर हाल में संचालन शुरू कराना चाहती है।
एनएमआरसी के ईडी और नोएडा प्राधिकरण के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि मंजूर हुए 2149 करोड़ रुपए के बजट में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की तरफ से मिलने वाले लोन की पहली किस्त शामिल है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने इस मेट्रो परियोजना के लिए 1587 करोड़ रुपए का लोन मंजूर किया है।
इसकी 590 करोड़ रुपए की पहली किस्त को बजट में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि नोएडा के वित्त नियंत्रक मनमोहन मिश्र, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीके अग्रवाल और प्रमुख सचिव उद्योग महेश कुमार गुप्ता को एनएमआरसी में बतौर निदेशक शामिल किया गया है। बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो परियोजना पर करीब 5700 करोड़ रुपए दोनों प्राधिकरण मिलकर खर्च कर रहे हैं। शुरुआत में जून 2018 में ट्रैक पर मेट्रो संचालन शुरू कराने की योजना थी, जिसे घटाकर अब मार्च 2017 कर दिया गया है।