चुनाव नजदीक हैं और राजनीतिक पार्टियां जनता से बड़े-बड़े वादे कर रही हैं। भारत चांद पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है, लेकिन गुजरात के सोनगढ़ जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां आज भी गांववालों को साफ पीने का पानी हासिल करने के लिए रोजाना कई किलोमीटर चलना पड़ता है। सोनगढ़ जिले में उकाई बांध के नजदीक मल गांव के लोग पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। जिले में बांध होने के बावजूद गांववाले आज भी टैंकों और सरकारी हैंडपंपों पर पानी की दैनिक जरूरत पूरी करने के लिए आश्रित हैं। यह गांव उकाई बांध से करीब 30 किमी दूर स्थित है। गांव के लोग काफी वक्त से एक 700 फीट तक की गहराई वाले बोरवेल के लिए इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए काम चल रहा है।

पिछले साल मल गांव के लोगों ने गुजरात विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया था। दरअसल, उनके लिए पानी के टैंक पहुंचने के लिए बेहतर सड़कें नहीं थीं। फिलहाल यहां सड़कें निर्माणाधीन हैं। गांववालों ने डिस्ट्रिक्ट कलक्टर को दोबारा से नोटिस भेजकर सड़क न बनने की स्थिति में आम चुनाव के दोबारा बहिष्कार की चेतावनी दी है। इस गांव में कुल 434 वोटर हैं। इस गांव की निवासी मरथा बेन ने कहा, ‘हमें सरकारी हैंडपंप से पानी भरने जाने के लिए सुबह 4 बजे ही उठ जाना पड़ता है। पानी पूरे दिन में एक बार आता है, इसलिए हमें लाइन में लगना पड़ता है। गर्मियों में ज्यादा समस्या होती है क्योंकि किसी-किसी दिन पानी ही नहीं होता।’

एक अन्य गांववाले अमित भाई गमित ने कहा, ‘यहां आजादी के बाद से कोई सड़क नहीं थी। हमें पिछले साल चुनाव का बहिष्कार करना पड़ा। अगर सड़कों का काम पूरा नहीं हुआ तो हम ऐसा दोबारा करेंगे।’ एक अन्य गांववाले जुनैद गमित ने कहा, ‘हम हैंडपंप पर सुबह 3-4 बजे से ही लाइन में लगना शुरू कर देते हैं ताकि सुबह के खाने के लिए पानी मिल सके। यह 700 फीट का बोरवेल हम सभी की उम्मीद है। अगर यह शुरू हो गया तो किसी को कोई समस्या नहीं होगी। पहले हमारे पास 300 फीट का बोरवेल था, लेकिन यह कामयाब नहीं रहा।’ गांववालों के मुताबिक, कई गांवों ने उकाई बांध के लिए अपनी जमीनें दीं ताकि देश का विकास हो, लेकिन आज वे खुद पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। बता दें कि गुजरात की 26 सीटों के लिए 23 अप्रैल को मतदान होना है। नतीजे 23 मई को आएंगे।