Sambhal News: अलविदा जुमा और ईदगाह की नमाज न तो सड़कों पर पढ़ी जाएगी और न ही छतों पर नमाज पढ़ी जाएगी। लाउडस्पीकर को लेकर भी सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होगा। बुधवार को सदर कोतवाली में एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र, एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा और सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी की अगुवाई में पीस कमेटी की बैठक हुई। इसमें त्योहारों को शांति और सौहार्द के साथ मनाने की अपील की गई। यूपी के अन्य जिलों के लिए भी इसी तरह की गाइडलाइन जारी की गई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने समाचार न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘शांति समिति की बैठक आने वाले त्योहारों के लिए की गई थी। इसमें नवरात्रि का त्योहार और ईद शामिल है। उसके संबंध में मीटिंग की गई थी। शांति समिति की मीटिंग में जो भी लोग मौजूद हैं। उन लोगों ने जो भी समस्याएं आ रही हैं। उसके बारे में बताया। कभी-कभार बिजली और पानी की समस्या। नमाज के लिए चर्चा यह रही है कि ये बता दिया गया है कि सड़कों पर नमाज नहीं पढ़नी है। इसके अलावा माइक और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की भी बात हो रही थी। उस को मना कर दिया गया है। इसके अलावा उन लोगों ने कहा कि छत पर नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाए। इसकी इजाजत जांच के बाद की जाएगी।’

हमारी आजादी छीनने का काम हो रहा- जियाउर रहमान बर्क

इस मामले पर संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘छत पर नमाज पढ़ने से रोकने का कोई भी औचित्य नहीं है। छत कोई भी सरकारी जगह नहीं है। ग्राम समाज नगरपालिका की नहीं है। एक व्यक्ति की विशेष जगह है। तो अगर अपने घर पर भी इबादत नहीं करेगा तो फिर वो कहां पर इबादत करने के लिए जाएगा। इस तरह की पाबंदिया लगाना जो हमारे संविधान ने अधिकार दिया है। हमारी जो आजादी है। हमारी जो मजहबी आजादी है उसको छीनने का काम हो रहा है।’

संभल के सीओ अनुज चौधरी को जान का खतरा

संभल सीओ का बयान बना था चर्चा का विषय

बता दें कि होली के दौरान संभल के सीओ अनुज चौधरी ने बयान दिया था कि होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमा साल में 52 बार आता है। यह बयान देशभर में चर्चा का विषय बन गया था। अपने बयान को लेकर उन्होंने आज कहा कि अगर उन्होंने गलत बोला तो विरोध करने वालों को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था । उन्होंने कहा कि उन्होंने दोनों धर्मों के लिए समान रूप से बात की। उन्होंने यह भी कहा कि जब एक पक्ष गुजिया या सेवइयां खा रहा है और दूसरा नहीं खा रहा है तो भाईचारा कम होता है। उन्होंने कहा कि अगर आप ईद पर सेवइयां देना चाहते हैं तो आपको हमारी मिठाई भी स्वीकार करनी चाहिए। पूरा बयान पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…