Madhya Pradesh CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया। यादव ने नर्मदा नदी के किनारे स्थित धार्मिक नगरों और स्थलों के आसपास मांस-मदिरा (शराब) के सेवन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
इस सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में यादव ने नर्मदा की सांस्कृतिक और धार्मिक अखंडता को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया था। नर्मदा नदी अमरकंटक में अपने उद्गम से खंभात की खाड़ी तक 1,312 किलोमीटर तक फैली हुई है।
मुख्यमंत्री ने राज्य प्रशासन को आदेश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि नदी के पवित्र स्थलों के पास कोई भी बस्ती या व्यावसायिक गतिविधि मांस और शराब की बिक्री या खपत की अनुमति न दे। यादव ने कहा कि नर्मदा सिर्फ़ एक नदी नहीं है, बल्कि हमारे राज्य की सांस्कृतिक विरासत है। इसकी पवित्रता को बनाए रखा जाना चाहिए। हम इसे सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाएंगे।
यादव ने कहा कि नर्मदा नदी राज्य के लोगों के लिए भक्ति, आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। उपभोक्ता-संचालित जीवनशैली में प्रकृति और पर्यावरण को होने वाले नुकसान ने नदियों और अन्य जल स्रोतों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। जिससे उन्हें इन प्रभावों से बचाना आवश्यक हो गया है।
नर्मदा नदी के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके किनारे कुल 21 जिले, 68 तहसील, 1138 गांव और 1126 घाट के साथ-साथ 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो ‘शक्ति पीठ’ हैं।
खनन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नर्मदा नदी में मशीनों से होने वाली खनन गतिविधियों को पूरी तरह प्रतिबंधित करने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि नर्मदा दुनिया अकेली ऐसी नदी है, जिसकी भक्त ‘परिक्रमा’ करते हैं। इसकी महत्ता को देखते हुए इसको प्रमुख धर्म और पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किए जाने की जरुरत है।
नर्मदा नदी पर मौजूद परिक्रमा स्थलों को चिह्नित करके स्थानीय पंचायतों और समिति के जरिये इसके बुनियादी ढांचों को विकसित करने का भी मुख्यमंत्री ने आदेश दिया। सीएम मोहन यादव ने स्थानीय युवकों और स्वयं सहायता समूहों के परिक्रमा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के खाने की व्यवस्था और होमस्टे जैसे इंतजाम करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरुरत पर जोर दिया।
एमपी के बड़े भूभाग की बुझाती है प्यास
बता दें, नर्मदा नदी न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश के लोगों के लिए धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। यह मध्य प्रदेश के एक बहुत बड़े भू-भाग की प्यास बुझाती है और लाखों लोगों की आजीविका का साधन है। नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है, जबकि इसका 1079 किलोमीटर यह सिर्फ मध्य प्रदेश में बहती है। मोहन सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अधिकारी नर्मदा परिक्रमा, जो नदी के चारों ओर एक आध्यात्मिक तीर्थस्थल है। उसको एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन आकर्षण के रूप में विकसित करने की योजना बना रहे हैं।