जम्मू-कश्मीर में एक अजीब ही मामला सामने आया है। राज्य के डिस्ट्रिक्ट जज के एग्जाम में शामिल सभी 217 लोग फेल हो गए हैं। यह पांचवीं बार है जब एक भी वकील, इस परीक्षा को पास नहीं कर सके हैं।
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों की सीधी भर्ती के लिए सितंबर 2019 में लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसमें कोई भी उम्मीदवार उत्तीर्ण नहीं हुआ है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 217 उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा में भाग लिया था, लेकिन किसी ने भी सामान्य श्रेणी के लिए 96 और आरक्षित श्रेणी के लिए 80 के योग्यता अंक हासिल नहीं किए हैं।
बार एंड बेंच के अनुसार यह पांचवीं बार है जब एक भी वकील ने यह परीक्षा पास नहीं की है। मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने 11 नवंबर 2018 को एक अधिसूचना जारी कर वकीलों, सहायक लोक अभियोजकों और सिविल जजों के साथ-साथ 35 से 48 वर्ष की आयु के वरिष्ठ सिविल जजों से आवेदन मांगे थे।
इसमें तीन चरणों से गुजरकर उम्मीदवारों को पास होना था। जिसमें पहले प्रारंभिक परीक्षा और उसके बाद एक मुख्य परीक्षा और फिर एक मौखिक परीक्षा देनी थी। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम योग्यता अंक 50 प्रतिशत निर्धारित किया गया था, जबकि जनरल वर्ग के लिए यह 60 प्रतिशत था।
परीक्षा की तारीख घोषित होने के बाद 217 उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा में भाग लिया और परीक्षा दी। इसके बाद जब इसका रिजल्ट आया तो कोई भी उम्मीदवार तय अंकों तक नहीं पहुंच पाए। इन 217 में से तो दो उम्मीदवार ऐसे थे, जिन्हें इस परीक्षा में जीरो अंक मिला है। जिसके बाद अब यह कहा जा रहा है कि प्रशासन इन पदों के लिए दोबारा से भर्ती प्रक्रिया का आयोजन करेगा। हालांकि राज्य के 217 उम्मीदवारों में से एक भी कैसे इस परीक्षा में उतीर्ण नहीं हो पाया, वह समझ से परे हैं। अब इस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।