बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में पिछले 15 साल में कितना विकास हुआ है, यह सबको पता है। उन्होंने कहा कि कौन क्या कहता है, उनकी नजर में उसका कोई महत्व नहीं है। दरअसल, प्रशांत किशोर ने कहा था कि नीतीश सरकार में पिछले 15 सालों में विकास के कार्य नहीं हुए हैं जिसकी वजह से बिहार अभी भी पूरे देश में सबसे गरीब प्रदेश है।
आप लोग ही जवाब दे दीजिए: प्रशांत किशोर के आरोपों पर जब नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर क्या कहते हैं, इसका उनकी नजर में कोई महत्व नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा, “आप लोगों को पता है कि 15 सालों में हमने कुछ किया है या नहीं। कौन क्या कहता है इस बात को हम इतना महत्व नहीं देते इसलिए जवाब देना जरूरी नहीं समझते।
सीएम ने कहा कि उनकी नजर में महत्व केवल सत्य का है और सत्य यह है कि बिहार में पिछले 15 सालों में बहुत काम हुआ है। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि आप ही लोग प्रशांत किशोर को जवाब दे दीजिए।
बिहार में 15 सालों में विकास के कार्य नहीं: गुरुवार (5 मई 2022) को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि पिछले 15 सालों में बिहार की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त है। राज्य में रोजगार के अवसर पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं और बिहार के युवा दूसरे राज्यों में जाकर कठिन परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं।
चुनावी रणनीतिकार ने कहा था कि नीतीश सरकार में पिछले 15 सालों में विकास के कार्य नहीं हुए हैं, जिसकी वजह से बिहार अभी भी पूरे देश में सबसे पिछड़ा प्रदेश है।
पार्टी से निकाला गया था: मुख्यमंत्री के साथ रिश्तों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से उनका संबंध पिता-पुत्र जैसा था। जितने दिन भी वह नीतीश कुमार के साथ रहे, उनका सीएम से इसी तरह का रिश्ता रहा। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उनसे अलग विचारधारा और सोच नहीं रख सकता। JDU से हटाने के सवाल पर पीके ने कहा कि मुझे CAA और NRC के मुद्दे पर पार्टी से हटाया गया। नीतीश जी की पार्टी और उन्होंने मुझे निकाल दिया था।
