बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ फिर मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के कार्यकाल की तुलना अटल बिहारी वाजपेयी के समय से की है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में बहुत प्यार और सम्मान मिला। फिर से मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, “वह एक अलग समय था जब हम वाजपेयी जी के साथ गए थे। तब बहुत प्यार था।”

नीतीश कुमार तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। उन्होंने कहा, “हम जॉर्ज (फर्नांडीस) साहब के नेतृत्व में आदरणीय अटल जी के साथ गए थे। अटल जी ने हमें बहुत कुछ दिया स्नेह, ढेर सारा सम्मान। क्या हम उस समय को कभी भूल सकते हैं? वह बहुत अलग था।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर कहा, “जब हम फिर से (भाजपा के साथ) गए, और जो कुछ भी होता रहा, उससे हमारी पार्टी के नेता काफी दुखी हुए।”

इस दौरान, उन्होंने आरसीपी सिंह पर भी उनका नाम लिए बिना निशाना साधा और कहा कि हमने जिन्हें भाजपा से निपटने के लिए नियुक्त किया था, वह उन्हीं के लिए काम कर रहे थे।

बता दें कि नीतीश कुमार काफी लंबे समय तक बीजेपी के साथ रहे,लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र में आने के बाद से उनका गछबंधन ज्यादा लंबे समय तक नहीं चला है। बीजेपी के साथ चला लंबा गठबंधन नीतीश कुमार ने 2013 में तोड़ दिया था। 2015 में उन्होंने आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के एक साल बाद बीजेपी के लिए यह एक बड़ी हार थी।

रिक्शा लेकर जाता आरजेडी का समर्थक

2017 में नीतीश कुमार आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों से गठबंधन तोड़कर अलग हो गए और एक बार फिर बीजेपी के साथ आ गए। 2020 में बिहार में जेडीयू-बीजेपी की टीम ने जीत हासिल की। दो साल बाद अब नीतीश कुमार लालू यादव की पार्टी और कांग्रेस के साथ वापस आ गए हैं।

वाजपेयी के कार्यकाल में नीतीश कुमार के पास रेलवे, कृषि और सड़क परिवहन जैसे विभाग थे। पीएम मोदी के केंद्र में आने से पहले और 2013 के ब्रेकअप से पहले नीतीश कुमार एनडीए के अध्यक्ष भी रह चुके थे।