नोट बंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम का समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पीएम के कैशलेस सोसायटी बनाने के सपने को खारिज कर दिया है। उन्होंने कैशलेस इकॉनोमी पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। नीतीश कुमार ने दो टूक शब्दों में कहा है कैशलेस अर्थव्यवस्था की कल्पना करना भी बेकार है। आज (सोमवार को) पटना में उन्होंने कहा कि कुछ भी कर लीजिए यह नहीं चल सकता। “भारत का जो सामाजिक परिवेश है, सामाजिक पृष्ठभूमि है और जो लोगों की आदत है उसके मद्देनजर नकद से लोग खरीद-बिक्री करते रहेंगे। इसलिए यह कल्पना या विचार हो सकता है। मैं नहीं समझता कि कैशेलस इकॉनामी हो जाएगी।”
नीतीश ने जनता दरबार की तर्ज पर लोक संवाद कार्यक्रम की शुरुआत की। इसमें विभिन्न विभागों से सम्बंधित पचास लोगों से सरकारी योजनाओं से जुड़े फीडबैक और परामर्श लेने की शुरुआत की गई। इस दौरान उस विभाग के मंत्री और सचिव भी मौजूद थे। राज्य में लोक शिकायत निवारण कार्यक्रम शुरू होने के बाद जनता दरबार की परंपरा इस साल के मई महीने में दस वर्षों के बाद खत्म कर दी गई थी।
नीतीश कुमार ने हाल ही में केंद्र सरकार को आगाह किया था कि पचास दिनों के बाद उन्हें स्पष्ट करना होगा कि कितने काले धन वालों के पैसे जब्त हुए, क्योंकि आज बैंक की लाइन में घंटों खड़ा रहने वाला व्यक्ति इस उम्मीद से नाराज नहीं हो रहा है कि दो नंबरिया लोगों पर गाज गिरने वाली है लेकिन इस मुद्दे पर मोदी सरकार को जवाब देना होगा। हालांकि, नीतीश ने मोदी सरकार को एक बार फिर सलाह दी कि समानांतर अर्थव्यवस्था में काला धन एक छोटा हिस्सा है और नोटबंदी अकेला कुछ नतीजा नहीं देगा। इसलिए बेनामी सम्पत्ति रखने वालों पर कार्रवाई करने में विलम्ब नहीं करना चाहिए। उन्होंने नोटबंदी पर लोगों को हो रही परेशानियों से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि इसके विभिन्न पहलुओं से निबटने की जिम्मेदारी केंद्र पर है।
भाजपा द्वारा बिहार के विभिन जिलों में पार्टी दफ्तर के लिए खरीदी गई जमीन से सम्बंधित घोटाले पर नीतीश ने माना कि भले ही उनकी पार्टी इस मुद्दे पर हर दिन एक जांच की मांग करती है लेकिन इस मुद्दे पर उनका निबंधन विभाग देखेगा। लेकिन नीतीश ने यह कहते हुए कि यह मेरे लेवल की चीज नहीं है, बीजेपी से पूछा कि यह उनका भी उत्तरदायित्व बनता है कि वे लोगों को बताएं कि आखिर जमीन का पैसा कैसे और कहां से लाए।
नीतीश कुमार ने कल ही नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में घर वापसी से साफ-साफ इनकार किया था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर नरेन्द्र मोदी सरकार का समर्थन करने का कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में नीतीश ने कहा, “मैं नोटबंदी का समर्थन करता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह एक अच्छा कदम है लेकिन इसका राजनीतिक मायने नहीं निकाला जाना चाहिए।” नीतीश उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या वी भाजपा के साथ घर वापसी कर रहे हैं।

