Nitish Government Floor Test: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। राज्य में संख्याबल सीएम के पक्ष में ही नजर आ रहा है। लेकिन फिर भी रिसॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी विधायकों को हैदराबाद में शिफ्ट कर दिया है। यहां पर कांग्रेस पार्टी सत्ता में है। पार्टी का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी उनके विधायकों से संपर्क करने की कशिश कर सकती है। इस खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाया गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बोले- बीजेपी विधायकों से संपर्क करने की फिराक में

राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि हमें नीतीश कुमार को विश्वास मत हासिल करने से रोकना होगा। इसी वजह से हम सभी तरीके की सावधानियां बरत रहे हैं। उनके विधायकों में काफी रोष भरा हुआ है। उन्होंने झारखंड के सीएम का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी पार्टी के सभी विधायक विश्वास मत हासिल करने तक उनके साथ में ही टिके रहे थे।

उन्होंने यह भी कहा कि विधायकों को कोई बंधक नहीं बनाया गया है। सभी विधायकों ने बीजेपी से सतर्क रहने के लिए सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि बिहार में अभी तक फ्लोर टेस्ट नहीं किया गया है। पहले विश्वास मत की तारीख 5 फरवरी तय की गई थी, फिर इसे बदलकर 10 तारीख कर दिया और अब कहा जा रहा है कि 12 फरवरी को विश्वास मत होगा। इससे यह देखने को मिल रहा है कि बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी डरी हुई है।

झारखंड सरकार ने हासिल किया विश्वास मत

झारखंड की चंपई सोरेन सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। उनके पक्ष में 47 मत पड़े। वहीं, विपक्षी दलों के पक्ष में 29 ही मत पड़े और अन्य तीन विधायक अनुपस्थित रहे। साथ ही, राज्य में 31 जनवरी से चल रहे सियासी उठापटक का पटाक्षेप हो गया। इन सभी घटनाक्रमों के केंद्र में केवल पूर्व मुख्यमंत्री हेंमत सोरेन का इस्तीफा ही रहा। हालांकि, इन सभी के बावजूद आज पूर्व सीएम विधानसभा में विश्वास मत के दौरान उपस्थित रहे थे।

बिहार में सीटों का गणित

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल हो जाने के बाद कुल 128 विधायक हैं। बीजेपी के पास विधानसभा में कुल 78 विधायक हैं। वहीं, जेडीयू के पास 45 विधायक हैं। 243 सदस्यों वाली विधानसभा में आरजेडी के पास कुल 79 वोट हैं। यह पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं, जीतनराम मांझी की पार्टी के पास कुल 4 विधायक हैं। कांग्रेस पार्टी के पास कुल 19 विधायक हैं और सीपीआई(एम-एल), सीपीआई और सीपीआईएम के पास कुल 16 विधायक हैं। साथ ही, एक विधायक औवेसी की पार्टी के पास भी है।