सांसदों और विधायकों को लेकर आम जनता में अक्सर यह शिकायत रहती है कि चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि या तो अपने क्षेत्र में जल्दी आते नहीं हैं और आते भी हैं तो लंबे समय के बाद आते हैं। इससे उनका जनता से सीधा जुड़़ाव नहीं हो पाता है। जबकि उनको उसी जनता ने वोट दिया है और उसी जनता की सेवा करने की कसम खाकर वोट मांगते हैं।

हाल ही में संत कबीर नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में अपना दल एस के नेता आशीष पटेल पहुंचे और उन्होंने खुले चौपाल में आम जनता से पूछा कि क्या वे अपने सांसद को पहचानते हैं? इस पर सभी लोगों ने इंकार कर दिया। जबकि सांसद महोदय उसी मंच पर सामने बैठे थे। वे सांसद थे निषाद पार्टी के नेता डॉ. संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद। इस दौरान उनको खड़ा कराकर खुद जनता से अपना परिचय करवाना पड़ा।

आम जनता का आरोप है कि सांसद प्रवीण निषाद तीन साल से वहां आए ही नहीं है। ऐसे में उनको कौन पहचानेगा। इस दौरान वहां उनकी किरकिरी हो गई। आयोजकों ने कई तरह की सफाई देकर माहौल को संभालने की कोशिश की, लेकिन जनता ने साफ कहा कि जब वे चुनाव जीतने के बाद यहां आए ही नहीं तो हम उन्हें कैसे जाने

उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। संजय निषाद योगी मंत्रीमंडल में मत्स्य मंत्री हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा था कि उनके बेटे सांसद प्रवीण निषाद अपने पिता का कार्य देख रहे थे। घटना को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद बढ़ा तो संजय निषाद भी हरकत में आए और बयान देते हुए कहा कि वे इस पूरे मामले की जांच करवाएंगे और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

दरअसल प्रवीण निषाद की एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुई थी जिसमें वो अपने पिता और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का काम कर रहे थे। साथ ही संजय निषाद के विभाग (मत्स्य विभाग) के अधिकारी भी उनके प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे।