यूपी में सत्ताधारी भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार में शामिल निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) पार्टी ने अपने पार्टी संगठन में व्यापक बदलाव किया है। पार्टी ने 22 जिलों के लिए नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की है। इसके साथ ही सभी 18 मंडलों के प्रभारी और सह प्रभारी के भी नाम तय कर दिए गए हैं। इस बदलाव और फेरबदल के साथ पार्टी अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद अपनी पार्टी को नया तेवर देने और विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।

विधानसभा के चुनाव में निषाद पार्टी ने कुल 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इनमें वह 11 सीट जीतने में सफल रही। इनमें से छह सीटों पर अपने सिंबल और पांच सीटों पर भाजपा के सिंबल पार्टी प्रत्याशी जीते हैं। विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर के भाजपा से अलग होने से जो नुकसान होने की आशंका जताई जा रही थी, वह निषाद पार्टी के भाजपा के साथ गठबंधन करने से दूर हो गई। इससे निषाद पार्टी और भाजपा दोनों को फायदा हुआ।

चुनाव के बाद जब संजय निषाद से यह पूछा गया कि क्या वो ओपी राजभर को फिर से एनडीए में वापस देखना चाहेंगे तो उन्होंने इससे साफ मना कर दिया था। निषाद ने कहा कि उनकी कार्यशैली सही नहीं है। वो अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग करते हैं। इसलिए वो नहीं चाहेंगे कि राजभर फिर से एनडीए का हिस्सा बनें।

फिलहाल निषाद पार्टी से मंत्रिपरिषद में अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद को भी योगी कैबिनेट में जगह मिली है। उन्हें सरकार में मत्स्य विकास मंत्री बनाया गया है। मंत्री बनने के बाद ही डॉ. संजय सिंह एक्शन में दिखे और अपने विभाग के अफसरों की मीटिंग और औचक निरीक्षण जैसे काम करना शुरू कर दिया।

उधर, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जातिवादी पार्टी करार दिए जाने के बाद सपा नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा का चरित्र जातिवाद और तुष्टीकरण का पर्याय है। मौर्य ने मंगलवार को ट्वीट किया ”अखिलेश यादव और सपा का चरित्र जातिवादी और तुष्टीकरण का पर्याय। समरसता, सौहार्द, विकास, सुशासन भाजपा और उत्तर प्रदेश की पहचान।”