जयपुर डेवलेपमेंट अथॉरिटी (JDA) द्वारा जमीन अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ नींदड़ गांव के किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन के तहत किसान जमीन में गड्ढा खोदकर उसमें समाधि लेकर बैठ गए हैं। इस आंदोलन को ‘जमीन समाधि सत्याग्रह’ नाम दिया गया है। नींदड़ बचाओं संघर्ष समिति के नेतृत्व में यह आंदोलन हो रहा है।
किसानों के सत्याग्रह आंदोलन का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें किसान एक गड्ढा खोदकर जमीन के अंदर बैठे दिखाई दे रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। किसान जेडीए द्वारा अधिग्रहित की गई अपनी जमीन के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
क्या है मामलाः जयपुर डेवलेपमेंट अथॉरिटी ने साल 2010 में जयपुर के नजदीक स्थित गांव नींदड़ की जमीन हाउसिंग स्कीम डेवलेप करने के लिए अधिग्रहित की थी। किसानों को उस वक्त के जमीन अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा दिया गया था। हालांकि साल 2013 में नया जमीन अधिग्रहण कानून लागू होने के बाद से नींदड़ के किसान आंदोलन कर रहे हैं।
#WATCH Rajasthan: Farmers stage ‘zameen samadhi satyagraha’ (half-bury their bodies in the ground) to protest against provisions of acquisition of their land by Jaipur Development Authority (JDA), at Nindar village in Jaipur. pic.twitter.com/CjFGLpcZyv
— ANI (@ANI) March 2, 2020
किसानों की मांग है कि उन्हें नए कानून के मुताबिक मुआवजा दिया जाए। जेडीए के रिकॉर्ड्स के मुताबिक हाउसिंग स्कीम के लिए नींदड़ और उसके आसपास की 327 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी प्रस्तावित है। अभी तक करीब 204 हेक्टेयर जमीन किसानों द्वारा सरेंडर की जा चुकी है और बाकी 123 हेक्टेयर जमीन अभी जेडीए द्वारा अधिग्रहित की जानी बाकी है।
बता दें कि जमीन समाधि सत्याग्रह नींदड़ के किसान काफी लंबे समय से कर रहे हैं। पहली बार किसानों ने जमीन समाधि 2 अक्टूबर, 2018 को ली थी और यह धरना प्रदर्शन 44 दिनों तक चला था। अब एक बार फिर से किसानों ने जमीन सामधि सत्याग्रह शुरू कर दिया है। खास बात ये है कि पहले इस सत्याग्रह में सिर्फ किसान शामिल थे, लेकिन इस बार इसमें किसानों के साथ-साथ महिलाएं भी शामिल हैं।