Delhi Chief Minister Rekha Gupta: दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने राज्य के श्रम विभाग को कुछ अहम निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों में महिलाओं का नाइट शिफ्ट में काम करना, ऑफिस में छंटनी आदि मामलों से जुड़े कई दिशा-निर्देश शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने श्रम विभाग से कहा है कि महिला कर्मचारी की सहमति के बाद ही उन्हें नाइट शिफ्ट में काम पर बुलाया जाए और इसके लिए श्रम विभाग जरूरी बदलाव करे।
दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ मंगलवार को ‘Ease of Doing Business’ और ‘Maximum Governance – Minimum Government’ को लेकर सरकार के अफसरों की अहम बैठक ली। बैठक में दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद, उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, मुख्य सचिव धर्मेंद्र सहित टॉप लेवर के पुलिस अधिकारी और सभी संबंधित विभागों के प्रमुख भी मौजूद थे।
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नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश
LG सक्सेना के दफ्तर के अधिकारियों ने बताया कि श्रम विभाग को दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम (Delhi Shops and Establishment Act) में संशोधन करने और फैक्ट्री अधिनियम (Factories Act) के तहत नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे सभी सुरक्षा उपायों को लागू किया जा सके।
सरकार ने औद्योगिक विवाद अधिनियम (Industrial Dispute Act) में भी संशोधन के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अब किसी फैक्ट्री या कंपनी में अगर 200 कर्मचारी हैं तो उस कंपनी को बंद करने या कंपनी में छंटनी करने के लिए किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी तक यह सीमा 100 कर्मचारियों की है। अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा कारोबार को आसान बनाने के लिए किया गया है।
कर्मचारियों को मुआवजा देने के लिए बने कानून
दिल्ली सरकार का कहना है कि ऐसे मामलो में मजदूरों के पास लेबर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प होगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रमिक विकास संगठन (Shramik Vikas Sangathan) के महासचिव कृष्णा यादव ने कहा, ‘अगर सरकार कंपनियों को बिना किसी अनुमति के कारोबार को बंद करने या छंटनी करने की छूट दे रही है तो श्रमिकों को मुआवज़ा देने का भी कानून होना चाहिए क्योंकि इसका सीधा असर उन्हीं पर होगा।
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