Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में 14 जगहों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार (23 दिसंबर 2022) को छापेमारी की। टेरर फंडिंग मामले में यह छापेमारी की गई। एजेंसी की अलग-अलग टीमों ने शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों के साथ जम्मू और कश्मीर घाटी में 14 जगहों पर दबिश दी।

NIA ने जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में की छापेमारी

NIA ने छापेमारी और तलाशी के दौरान डिजिटल डिवाइस, सिम कार्ड और डिजिटल स्टोरेज टूल सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की। एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि ये छापे दक्षिण कश्मीर के जम्मू जिले, कुलगाम, पुलवामा और अनंतनाग जिलों और उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में मारे गए।

एनआईए की कई टीमों ने पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के साथ ही जम्मू कश्मीर में करीब दर्जनभर जगह छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक, पंजाब के सीमावर्ती जिलों तरनतारण, अमृतसर के साथ ही फिरोजपुर में छापेमारी की गयी।

आतंकियों (Terrorists) के मददगार निशाने पर

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी गतिविधियों से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में शनिवार सुबह चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी की। सूत्रों ने कहा कि इन मामलों में कुछ संदिग्धों के परिसरों और ठिकानों पर अभी भी छापेमारी जारी है। एजेंसी ने कहा कि यह मामला आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश से संबंधित है, जो विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों और उनके सहयोगियों से संबंधित है। आतंकियों के ये सहयोगी उनके पाकिस्तानी कमांडरों और संचालकों के लिए अलग-अलग नामों से काम कर रहे थे।

NIA की जम्मू शाखा ने स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था मामला

एनआईए ने कहा, “वे जम्मू-कश्मीर में साइबर स्पेस का इस्तेमाल कर आतंकवादी हमले करने, अल्पसंख्यकों, सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने में शामिल हैं।” एनआईए की जम्मू शाखा ने 21 जून 2022 को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था।

11 अक्टूबर 2022 को NIA ने एक ट्रस्ट के अध्यक्ष को “स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए चैरिटेबल फंड को डायवर्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अल हुडा एजुकेशनल ट्रस्ट (AHET) के अध्यक्ष मोहम्मद अमीर शमशी जम्मू-कश्मीर में अमीर-ए-जमात, जमात-ए-इस्लामी के निर्देशों पर काम कर रहे थे। AHET प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (JeI) का एक फ्रंटल संगठन था और बाद में इसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था।”