राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) के उपाधीक्षक तंजील अहमद की दो दिन पहले बिजनौर में हुई हत्या में एनआइए के अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष टास्क फोर्स भी जुट गई है। दूसरी ओर इस मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा ने इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए सोमवार राज्यपाल राम नाईक से शिकायत की है।
सोमवार को जहां एक ओर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) के उपाधीक्षक तंजील अहमद की हत्या पर दुख जताते हुए उनके आश्रितों को 20 लाख रुपए की सहायता का एलान किया। वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर इस घटना और बाद में प्रदेश सरकार के रवैये पर एक ज्ञापन भी सौंपा।’
पाठक ने कहा कि अहमद की हत्या के बाद राज्य सरकार की ओर से ना तो घटना की निंदा की गई और ना ही खेद प्रकट किया गया। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद की ओर से भी इस घटना पर एक शब्द नहीं बोला गया। उन्होंने कहा,‘दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि इतनी बड़ी घटना हो गई और पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी क्रिकेट मैच खेलने में मस्त थे। और तो और मैच के दौरान मैदान पर पुलिस महानिदेशक की मौजूदगी में पुलिस अधिकारी शराब पी रहे थे और सिगरेट का धुआं उड़ा रहे थे।’
हालांकि सोमवार को राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अहमद के परिजनों को भरोसा दिलाया है कि शोक की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ है। उन्होंने अहमद के परिवार को पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद को निर्देश दिए कि इस घटना की जांच कर रही एजंसियों को पूरा सहयोग और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि इस वारदात को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करके उन्हें कड़ी सजा दिलाई जा सके।
गौरतलब है कि एनआइए में उपाधीक्षक तंजील अहमद की गत दो-तीन अप्रैल की रात को मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलकर हत्या कर दी थी जबकि उनकी पत्नी फरजाना गंभीर रूप से घायल हो गईं थीं। इस मामले की जांच में एनआइए के अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स भी जुटी है।

