दिल्ली में जहां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर संसद से लेकर सड़क तक सैकड़ों कार्यक्रम आयोजित हुए वहीं एक नवजात कूड़े के ढेर में पड़ी अपनी भविष्य की उम्मीदों को ताकती रही। दो हफ्ते की इस बच्ची को पुलिस ने अस्पताल में सुरक्षित रख उसके परिजनों की तलाश शुरू कर दी है।

बाहरी जिले के पुलिस उपायुक्त विक्रमजीत सिंह ने बताया कि इस नवजात बच्ची को समयपुर बादली इलाके के सिरसपुर की एक झाड़ी में फेंक दिया गया था। गांव के गली नंबर-आठ की इस झाड़ी में इलाके के लोग कूड़ा फेंकते हैं। कूड़े के बीच ही रास्ता बनाकर लोगों का आना-जाना भी होता है। सोमवार सुबह इसी झाड़ी के पास के रास्ते से लोग अपने-अपने काम पर जा रहे थे तभी एक व्यक्ति को नवजात बच्ची के रोने की आवाज आई।

पहले तो उसने अनसुनी की पर जब दोबारा आवाज आई तो वे रुक गए। झाड़ी की तरफ यों ही देखा तो एक नवजात बच्ची कराहती मिली। उसने तुरंत आस-पास के लोगों को इस बात की सूचना दी और फिर पुलिस को इत्तिला की गई। पुलिस ने उसे पास के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया जहां उसे अस्वस्थ बताकर डाक्टरों ने इलाज शुरू दिया।

पुलिस बच्ची के परिजनों की तलाश कर रही है। उसके पूरी तरह स्वस्थ हो जाने पर उसे एक गैर सरकारी संस्था को सौंप दिया जाएगा। उधर इलाके के लोगों का कहना है कि बच्ची आसपास की भी हो सकती है और दूर से भी यहां लाकर अंधेरे में फेंका जा सकता है। लेकिन नवजात को इस तरह फेंकने वाले व्यक्तियों की पहचान होनी चाहिए। अगर समय रहते बच्ची को पुलिस के पास नहीं सौंपा जाता तो आवारा कुत्ते और जानवर भी उसे नुकसान पहुंचा सकते थे।