दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (इंवेस्टमेंट रीजन) यानी न्यू नोएडा को अगले 17 साल में बसाने का खाका तैयार किया गया है। अनुमान है कि इस शहर की 2041 तक 37 लाख की आबादी होगी। जिनके रहने के लिए घर और रोजगार की व्यवस्था की जानी है। जानकारों का मानना है कि नोएडा, ग्रेनो और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के बाद अब न्यू नोएडा इस क्षेत्र में विकास की अगली कड़ी है। पिछले 26 अक्तूबर को हुई नोएडा की बोर्ड बैठक में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कहा गया है। इसको चार चरणों में विकसित किया जाएगा।
40 फीसदी हिस्से में स्थापित होगी इंडस्ट्री
इसके लिए करीब 8230 हेक्टेयर जमीन विकसित की जाएगी। पहले चरण में 2027 तक 3165 हेक्टेयर जमीन पर काम शुरू करने की योजना है। यहां ना केवल बड़े उद्योग स्थापित होंगे, बल्कि करीब छह लाख लोगों के रहने के लिए आशियाने भी बनाए जाएंगे। न्यू नोएडा के मास्टर प्लान के मुताबिक, 40 फीसद में उद्योग स्थापित किए जाएंगे। वहीं, आवासीय के लिए 13 फीसद और हरियाली, मनोरंजन एवं हरित क्षेत्र के लिए करीब 18 फीसद जगह आरक्षित की जाएगी।
न्यू नोएडा के दूसरे चरण का विकास 2032 तक 3798 हेक्टेयर भूमि पर होगा। फिर 2037 तक 5908 हेक्टेयर और आखिरी चरण 2041 में कुल 8230 हेक्टेयर भूमि पर न्यू नोएडा पूरी तरह से बनकर तैयार होगा। उसके बाद नोएडा की आबादी और बढ़ जाएगी। लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी, लेकिन साथ ही आस-पड़ोस के इलाकों में जमीनों की मांग भी बढ़ जाएगी।
इस परियोजना के लिए गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के करीब 80 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रापर्टी जानकारों के मुताबिक, न्यू नोएडा में शामिल होने वाले गांवों में जमीन की कीमत 80 लाख से एक करोड़ रुपए बीघा तक पहुंच गई है। यहां आवासीय सेक्टर से लेकर कमर्शियल प्रोजेक्ट के लिए भी जगह होगी। इसे वर्ल्ड क्लास सिटी के तौर पर बनाने की तैयारी हो रही है। जल्द ही इसका नजारा सामने आएगा।