हेलमेट लगाए बगैर दोपहिया वाहन दौड़ाने वाले लोगों को सही राह पर लाने के लिए परिवहन विभाग ने बुधवार से यहां नया प्रयोग शुरू किया। विभाग ने बगैर हेलमेट गाड़ी चलाते पकड़े गए लोगों के सामने विकल्प रखना शुरू किया है कि अगर वे सरकारी खजाने में चालान की राशि जमा करने से बचना चाहते हैं, तो अपने लिए मौके पर ही हेलमेट खरीद सकते हैं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि विजय नगर चौराहे पर शुरू किए गए इस प्रयोग के पहले दिन 100 से ज्यादा वाहन चालकों ने चालान भरने के बजाय हेलमेट खरीदना मुनासिब समझा। इनमें से कुछ लोगों का परिवहन विभाग की ओर से फूल-माला पहनाकर सम्मान भी किया गया।
अधिकारी ने बताया कि स्थानीय विक्रेताओं की मदद से विजय नगर चौराहे पर हेलमेट की बिक्री का इंतजाम किया गया था। ये हेलमेट वाहन चालकों के लिए 380 रुपए से लेकर 780 रुपए तक के रियायती मूल्य पर उपलब्ध थे। उन्होंने बताया कि बिना हेलमेट वाहन चलाते पकड़े गए लोगों से चालान के रूप में आमतौर पर 250 रुपए की रकम वसूली जाती है। इंदौर, मध्यप्रदेश के उन जिलों में शामिल है, जहां सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की बड़ी तादाद प्रदेश सरकार के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। पुलिस और प्रशासन के कई प्रयासों के बावजूद जिले में कम ही दोपहिया वाहन चालक हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ऋषि कुमार शुक्ला ने इस सिलसिले में फिक्र का इजहार करते हुए हाल ही में कहा था कि इंदौर में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल करीब 500 लोगों की मौत होती है, जो जिले में कत्ल की वारदातों में मरने वाले व्यक्तियों की तादाद से कहीं अधिक है। हम जिले में यातायात व्यवस्था में सुधार और अन्य उपायों के जरिए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में कदम उठाएंगे।