केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के बड़े भाई स्वामी प्रसाद लोधी का निधन हो गया है। वे 72 साल के थे। स्वामी प्रसाद लोधी का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था। रविवार (8 जुलाई) को सुबह 11 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। 9 जुलाई को एमपी के टीकमगढ़ में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उमा भारती अपने बड़े भाई को याद कर भावुक हो गईं। उन्होंने ट्विटर पर उनके निधन की जानकारी दी। इसके बाद उमा भारती ने ट्वीट की लंबी सीरीज पोस्ट की और नम आंखों से अपने भाई साथ गुजारे पलों, अपने शख्सियत के निर्माण में उनके योगदान को याद किया। स्वामी प्रसाद लोधी एक बार एमपी में एक बार विधायक भी रह चुके हैं।
उमा भारती बताती हैं कि जब उनके भाई 12 साल के थे तो उनकी शादी तय कर दी गई थी, इसके बाद वे घर से भाग गये थे और चित्रकूट में साधुओं के साथ रह रहे थे। उमा बताती हैं कि जब उनके माता-पिता का निधन हो गया तो ये खबर जानकारी उनके भाई चित्रकूट से लौटे। उमा बताती हैं, “जब वो चित्रकूट से वापस लौटे तो मैं 10 महीने की थी। मां शोकाकुल थीं तो भाई ने ही मुझे अपनी गोद में ले लिया, फिर तो संसार की सारी ममता मुझपर उड़ेल दी।” उमा बताती हैं कि जब वे राजनीति में आईं तो उनकी लोकसभा सीट संभालते थे। उमा ने कहा, “जब मैंने विवाह न करके सन्यास लेने का निर्णय किया तो उन्होंने मेरा पूरा सहयोग किया।”
उमा भारती हैं कि उनके भाई आखिरी के 9 साल तक उनके साथ ही रहे। भावुक उमा लिखती हैं, “अर्ध बेहोशी तथा गंभीर अस्वस्थता की स्थिति में भी मुझे सामने पाकर उनके चेहरे पर प्रसन्नता झलकती थी…मैं उनका राजा-बेटा थी, बहादुर शेर थी- यही दो संबोधन मेरे लिए इस्तेमाल करते थे तथा अपनी सबसे बड़ी संतान कहते थे। उनकी बेटी नित्या अब 18 साल की है तथा बेटा नीलमाधव 13 साल का है…मैं उन दोनों को माता-पिता की कमी महसूस नहीं होने दूंगी, किंतु मुझे उनकी कमी हमेशा महसूस होगी तथा एक विराट शून्य मेरे जीवन में आएगा जिसमें उनकी आवाज गूंजेगी।” उमा बताती है कि उनके भाई कहा करते थे- जैसे हाथियों के झुंड में अकेला बलशाली शेर घुस जाता है, इसी तरह से तुम भी बड़े नेताओं के झुंड में निडरता से रहा करो। उमा कहती हैं कि वे इस बात का हमेशा अनुसरण करेंगी।