केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह की बेटी ‘वन रैंक वन पेंशन’ (ओआरओपी) से जुड़ी पूर्व सैन्यकर्मियों की मांग को ‘उचित’ करार देते हुए आज जंतर-मंतर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल हुईं और अपने पिता को सुझाव दिया कि उन्हें भी ऐसा करना चाहिए।
पूर्व सैन्यकर्मियों की मांग का समर्थन करते हुए मृणालिनी आज सुबह इस प्रदर्शन में शामिल हुईं। उनके पति भी सेना में अधिकारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक मकसद है और यह मामला कई वर्षों से लंबित है। मैं यहां एक पूर्व सैन्यकर्मी की बेटी के तौर पर उनके समर्थन में आई हूं जिन लोगों ने देश की सेवा की अब वे अपने अधिकार के लिए दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं।’’
यह पूछे जाने पर क्या उन्हें उनके पिता और मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री ने इस प्रदर्शन में शामिल होने की अनुमति दी है तो मृणालिनी ने कहा, ‘‘मैंने उनसे इजाजत नहीं मांगी और न ही मुझे उनकी इजाजत की जरूरत है। मैं सीधे हिसार से यहां आई हूं क्योंकि मैं इस मकसद को महसूस करती हूं। कुछ वर्षों के बाद मैं भी एक पूर्व सैन्यकर्मी की पत्नी हो जाऊंगी।’’
उन्होंने कहा कि उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में पूरा भरोसा है जिन्होंने ओआरओपी का वादा किया है। मृणालिनी ने कहा, ‘‘हमारी पूर्व की सरकारें कुछ करने का वादा करती रहीं। यह सरकार इस वादे को पूरा करने की दिशा में प्रतिबद्ध दिखाई देती है। इसलिए मुझे उम्मीद है कि यह इसे पूरा करेगी।’’
यह पूछे जाने पर कि उनके पिता को इस प्रदर्शन में शामिल होना चाहिए तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे मिलने जा रही हूं। मैं निश्चित तौर पर उनसे यहां आने और प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहूंगी।’’
ओआरओपी के क्रियान्वयन की मांग को लेकर पूर्व सैन्यकर्मी दो महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं और वे अपनी मांग पर जोर देने के लिए अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल सकते हैं।
