करीब पौने दो साल पहले शोध छात्रा के साथ कथित तौर पर छेड़खानी करने वाले शिक्षक को बचाने के आरोपों को खारिज करते हुए सेंट स्टीफन्स कॉलेज के प्राचार्य वाल्सन थम्पू ने रविवार को दावा किया कि उन्होंने छात्रा से गाइड बदलने की पेशकश की थी, लेकिन उसने सलाह मानने से इनकार कर दिया था।
थम्पू ने कहा कि जब छात्रा मेरे पास शिकायत लेकर आई तो उसने जोर दिया कि मामले को यौन उत्पीड़न की शिकायत के रूप में ना लिया जाए ताकि उसकी पीएचडी समय पर पूरी हो सके। उसकी चिंताओं को समझते हुए, मैंने उसे गाइड बदलने की सलाह दी लेकिन उसने सलाह नहीं मानी और बचा हुआ अनुसंधान उन्हीं की देखरेख में करने पर जोर दिया।
पीएचडी छात्रा की ओर से यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद सेंट स्टीफन्स कॉलेज के रसायन विभाग के सहायक प्रोफेसर सतीश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। कुमार की देखरेख में पीएचडी कर रही छात्रा ने आरोप लगाया है कि इस संबंध में कॉलेज प्राधिकार से शिकायत किए जाने के बाद प्रचार्य वाल्सन थम्पू ने शिक्षक को बचाने का प्रयास किया।
शिकायत के अनुसार, कुमार, जो कोषाध्यक्ष का प्रभार भी संभाल रहे हैं, ने 15 अक्तूबर 2013 को शिकायतकर्ता के साथ छेड़खानी की थी। छात्रा ने घटना से महीने पहले शिक्षक पर उसका पीछा करने, अभद्र टिप्पणियां करने और उसके शरीर को गलत तरीकों से छूने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया है। शिकायत के अनुसार, कुमार ने छात्रा को धमकी दी थी कि अगर उसने कॉलेज में पीले रंग की साड़ी नहीं पहनी तो उस पर तेजाब डाल देंगे।
छात्रा का आरोप है कि थम्पू ने उसे इस संबंध में यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने से हतोत्साहित किया। छात्रा ने यह भी कहा है कि उस दौरान उसका अनुसंधान 80 फीसद पूरा हो चुका था और गाइड बदलने का विकल्प संभव नहीं था। इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने घटना की निंदा करते हुए जांच पूरी होने तक आरोपी को निलंबित करने की मांग की।
वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज के एक प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज कराए गए कथित यौन शोषण के मामले को ‘शर्मनाक’ बताते हुए मामले की जांच कराने की मांग की। बरखा ने कहा कि यह इतना प्रतिष्ठित कॉलेज है और अगर इस तरह की कोई घटना हुई है तो यह शर्मनाक है। मामले की जांच होनी चाहिए और दोषी पर कार्रवाई की जानी चाहिए।