दिल्ली के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने से रोकने का मामला CJI डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट में पहुंच गया है। सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर चंद्रचूड़ से गुहार लगाई है कि वो दिल्ली के उप राज्यपाल (LG) वीके सक्सेना को मनमानी से रोकें। CJI ने 14 अप्रैल को मामले की सुनवाई के लिए रजामंदी दी है। सुप्रीम कोर्ट के रोस्टर के मुताबिक CJI खुद सारे मामले की सुनवाई करने जा रहे हैं।
शिक्षकों को विदेशी ट्रेनिंग न मिल पाने से अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल वीके सक्सेना के बीच लंबे अरसे से तनातनी चल रही है। सरकार के प्रस्ताव को मंजूर न करने पर केजरीवाल इतने ज्यादा बिफर गए थे कि वो अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ उप राज्यपाल के घऱ तक जा पहुंचे। 16 जनवरी को ये वाकया देखने को मिला। उनकी मांग थी कि 30 शिक्षकों को फिनलैंड भेजने वाले प्रस्ताव को LG तत्काल मंजूर करें।
फिनलैंड का प्रस्ताव तो पास किया पर आगे के लिए LG ने खड़े कर दिए हाथ
सरकार के साथ रस्साकसी के बाद उप राज्यपाल ने चार मार्च को 30 शिक्षकों से जुड़े दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को तो मंजूरी दे दी लेकिन ये भी कह दिया कि भविष्य में इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार उनके पास न भेजे। वो इस तरह के प्रपोजलों को अब मंजूरी नहीं देंगे।
उप राज्यपाल और दिल्ली सरकार के खिलाफ तनातनी लंबे समय से चल रही है। केजरीवाल ने उप राज्यपाल के दखल को बेजा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में केस भी दायर किया था। उसके बाद जो फैसला आया उसमें दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच अधिकारों को विभाजित कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने तय किए थे दिल्ली सरकार और LG के अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है लिहाजा मुख्यमंत्री को वैसी शक्तियां नहीं दी जा सकतीं जैसी दूसरे सूबों के सीएम को मिली हैं। दिल्ली का सीएम बनने के बाद से ही केजरीवाल की शिकायत रही है कि उप राज्यपाल केंद्र के इशारे पर उनको काम करने से रोक रहे हैं।
खास बात है कि दिल्ली शराब घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश LG ने ही दिया था। उसके बाद मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया गया।