आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर सीएम चंद्रबाबू नायडू को मनाने की सभी कोशिशों नाकाम हुई है। गुरुवार (8 मार्च) को पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद चंद्रबाबू को फोन किया, लेकिन वह टीडीपी के मंत्रियों को सरकार में बने रहने के लिए नहीं मना सके। भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार में तेदेपा के दो मंत्री अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी ने आठ मार्च की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि राजू ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी। मंत्रियों के इस्तीफे से एक दिन पहले तेदेपा प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की थी कि राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा प्रदान किये जाने से मना किये जाने के खिलाफ पार्टी के मंत्री केंद्र सरकार से इस्तीफा देंगे। चौधरी ने कहा कि विशेष श्रेणी का दर्जा राज्य के लिए बहुत भावनात्मक है लेकिन केंद्र ने इसका समाधान नहीं किया।उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज भी पर्याप्त नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह कहना अनुचित होगा कि केंद्र ने राज्य के लिए कुछ नहीं किया।
Union Minister and TDP MP YS Choudhary’s resignation letter to PM Narendra Modi pic.twitter.com/qDeS2yHOfA
— ANI (@ANI) March 8, 2018
Aviation Minister and TDP MP Ashok Gajapathi Raju’s resignation letter to PM Narendra Modi pic.twitter.com/DXFbagSzWs
— ANI (@ANI) March 8, 2018
बता दें कि टीडीपी आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रही है। इससे पहले केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा था कि केन्द्र की झोली में ज्यादा खजाना नहीं है, लिहाजा राज्य को फंड तो जरूर दिये जाएंगे लेकिन विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। वित्त मंत्री के इस बयान से टीडीपी काफी नाराज दिखी थी। इससे पहले गुरुवार को ही आंध्र प्रदेश में नायडू कैबिनेट में शामिल बीजेपी के दो मंत्रियों ने राज्य सरकार से इस्तीफा दे दिया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो मंत्रियों कमनेनी श्रीनिवास और पी.मणिक्याला राव ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू को इस्तीफा सौंप दिया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कमिनेनी श्रीनिवास और एन्डोमेंट मंत्री और पी.मणिक्याला राव ने विधानसभा में मुख्यमंत्री के कक्ष में उनसे मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने इस अवसर के लिए नायडू का आभार भी जताया। वहीं, मुख्यमंत्री ने भी उनके कामकाज की प्रशंसा की। इसके बाद श्रीनिवास ने कहा, “मुझे साढ़े तीन साल से अधिक समय तक उनके साथ काम करने का मौका मिला। मैंने हाल ही में उनसे अपने काम को लेकर उनकी राय पूछी थी। उन्होंने मुझे यह प्रमाणपत्र दिया कि मेरा कोई दुश्मन नहीं है।”