चुनावी फायदे के लिए सरकारी स्कूलों का उपयोग करना सवालों के घेरे में आ गया है, एक अभिभावक संघ ने सरकारी प्रचार के लिए स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) फंड का उपयोग करने पर आपत्तियां उठाई हैं। हालांकि, शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने कहा कि एसएमसी की मंजूरी के बाद शिक्षा से संबंधित किसी अन्य उद्देश्य के लिए फंड के उपयोग का अनुरोध करने के लिए उनके दिशानिर्देशों में एक प्रावधान है। पार्टी के प्रचार और चुनाव प्रचार के लिए एसएमसी फंड के दुरुपयोग के खिलाफ दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन ने एमएचआरडी, चुनाव आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को लिखा है।

इसने 28 जनवरी के कार्यक्रम की ओर इशारा किया, यह प्रोग्राम सर्वोदय कन्या विद्यालय में आयोजित किया गया था। इसमें दिल्ली सरकार ने 200 सरकारी स्कूलों में 11,000 नए क्लास रूम के निर्माण का उद्घाटन किया था। सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी लोकसभा चुनाव के लिए वोट की अपील की थी। शिक्षा निदेशालय ने 24 जनवरी के सर्कुलर में सरकारी स्कूलों के प्रमुखों को फ्लेक्स पोस्टर के खर्च को पूरा करने का निर्देश दिया था, पोस्टर में इस कार्यक्रम का प्रचार किया गया था और आम आदमी पार्टी की उपलब्धियों को गिनाया गया था। इसने सभी स्कूलों को स्कूल के “प्रमुख स्थानों / स्थानों” में 5 से 15 फरवरी के बीच 8’x3 साइड के फ्रेम वाले फ्लेक्स लगाने का निर्देश दिया था।

एसएमसी निधि से सभी जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करके शायद फ्लेक्स की प्रिंटिंग और लगाने का खर्च पूरा किया जा सकता है। शिक्षा निदेशक संजय गोयल ने कहा: “ पहली बात तो ये कि, यह आम आदमी पार्टी का नहीं था, बल्कि दिल्ली सरकार का था। दूसरे, एसएमसी की मंजूरी के साथ शिक्षा से संबंधित किसी अन्य उद्देश्य के लिए फंड के उपयोग का अनुरोध करने के लिए हमारे दिशा निर्देशों में एक प्रावधान है। यह प्रोग्राम कक्षाओं के उद्घाटन के लिए था, जो शिक्षा से संबंधित है और छात्रों की मदद करने के लिए है। हमें किसी भी एसएमसी से कोई शिकायत नहीं मिली।”