तुगलकाबाद के एक स्कूल के पास कंटेनर से गैस रिसने और बड़ी संख्या में छात्राओं के इसकी चपेट में आने की घटना ने शनिवार सुबह पुलिस-प्रशासन के होश उड़ा दिए।
वहीं अस्पताल में भर्ती कुछ छात्राओं के अभिभावकों का कहना था कि तीन दिन पहले भी यहां गैस का रिसाव हुआ था और जहरीली गैस के कारण दो दर्जन लोग और कुछ छात्राएं बीमार हो गई थीं। इसके बावजूद न तो कंटेनर वहां से हटवाया गया और न ही सुरक्षा के इंतजाम किए गए। चूंकि शनिवार को छात्राओं की संख्या इतनी हो गई और किसी की सांसें फूलने लगीं तो किसी को उल्टी-दस्त होने लग, इसलिए इस घटना को दबाया नहीं जा सका और मामला प्रकाश में आ गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं यहां आम हैं और पुलिस, जिला प्रशासन व कंटेनर प्रबंधकों को सब कुछ पता है।
तुगलकाबाद में गैस की चपेट में आई रानी झांसी सर्वोदय कन्या विद्यालय व राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने बताया कि स्कूल में प्रार्थना के बाद उनकी आंखों में जलन होने लगी और लगा जैसे गले में कुछ फंस गया हो। फिर अचानक उनकी सांस फूलने लगी। कुछ देर के बाद आंखें भी बंद होनी शुरू हो गर्इं। कुछ छात्राओं का कहना था कि वे काफी देर तक सिर्फ सुन पा रही थीं कि आसपास क्या हो रहा है। कुछ छात्राएं बेहोश हो गर्इं और होश में आने के बाद उन्होंने खुद को अस्पताल में पाया। रेलवे कालोनी तुगलकाबाद की सगुप्ता का कहना था कि प्रार्थना सभा के दौरान ही उसे कुछ ठीक सा महसूस नहीं हो रहा था। जैसे-तैसे प्रार्थना पूरी की और कक्षा में जाने लगी। तभी तबीयत अचानक बिगड़ गई और वह बेहोश हो गई। रेलवे कालोनी की ही कुसुम ने बताया कि उसकी आंखें अचानक बंद होने लगीं। उसने टीचर से कहा कि उसे चक्कर आ रहा है। जवाहर पार्क खानपुर तिगड़ी की रहने वाली सोनी कुमारी ने बताया कि पहले मेरी सहेली की तबीयत खराब होनी शुरू हुई। कक्षा में जाकर मैंने उसे पानी पिलाया। मेरे भी सिर में दर्द था। अचानक मैडम को बुलाने गई तो चक्कर खाकर गिर गई। आंखें अस्पताल में खुलीं। तुगलकाबाद एक्सटेंशन की रहने वाली प्रीति दास ने बताया कि वह राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ती है। उसे पता नहीं लगा कि क्यों तबीयत खराब हो गई। अस्पताल में जब आंखें खुलीं तो पास में मम्मी-पापा को बैठे देखा।
उनसे पूछा कि क्या हुआ तो पता चला कि किसी जहरीली गैस के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रेशमा और अंकिता भी रेलवे कालोनी की रहने वाली हैं। उन दोनों का कहना था कि उल्टी आई और फिर तेज सिरदर्द होने लगा। स्थानीय बच्चों में तुगलकाबाद एक्सटेंशन के मोहम्मद सद्दाक, अर्जुन, सीताराम, ललित, सूरज, अंकित, राजीव, समुंदर और सौरभ का कहना था कि उन्हें सुबह-सुबह आंखों में जलन शुरू हो गई। बाद में पता चला कि सैकड़ों छात्राओं को अस्पताल ले जाया जा रहा है फिर हमें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शनिवार सुबह जैसे ही दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त रोमिल बानिया व डीएम वीएस जागलान को इस घटना की जानकारी मिली, वे घटनास्थल पर पहुंचे और अपने-अपने आला अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी। बदरपुर थाना व ओखला थाने सहित रिजर्व पुलिस बलों को भी बड़ी संख्या में मौके पर लगाया गया था। दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी लगातार उपायुक्त से रिपोर्ट लेते रहे और प्रभावी कार्रवाई के निर्देश भी दिए। सूचना पर तत्काल एंबुलेंस के जरिए सौ से अधिक बच्चियों को पास के अस्पताल में पहुंचाकर उनका इलाज शुरू कर दिया गया। कुछ बच्चे स्कूल से घर जाने के दौरान ठीक थे, लेकिन घर पहुंचने के बाद उनकी तबियत खराब होने लगी। गैस रिसाव की सूचना पर अभिभावक भी परेशान हुए। अभिभावकों की शिकायत मिलने पर बच्चों को उनके घर से एंबुलेंस के जरिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।
उधर पीड़ित अभिभावकों का कहना था कि तीन दिन पहले भी केमिकल का रिसाव हुआ था और जहरीली गैस के प्रभाव में आकर दो दर्जन लोग बीमार हो गए थे, लेकिन तब मामले को दबा दिया गया था। चीन से आने वाला यह कंटेनर करीब पांच दिन पहले ही तुगलकाबाद कंटेनर डिपो पहुंचा था। यहां से इसे सोनीपत जाना था। इसमें जो केमिकल लाया गया था उसे पेस्टीसाइड बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

