केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली में तीन नगर निगमों का एकीकरण करने संबंधी विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक संसद के मौजूदा बजट सत्र में पेश किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि एकीकृत नगर निगम पूरी तरह से संपन्न निकाय होगा और इसमें वित्तीय संसाधनों का सम विभाजन होगा जिससे तीन नगर निगमों के कामकाज को लेकर व्यय की देनदारियां कम होंगी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नगर निकाय की सेवाएं बेहतर होंगी।
इसके तहत 1957 के मूल अधिनियम में भी कुछ और संशोधनों को मंजूरी दी गई है ताकि वृहद पारदर्शिता, बेहतर प्रशासन और दिल्ली के लोगों के लिए प्रभावी सेवाओं को लेकर ठोस आपूर्ति ढांचा सुनिश्चित किया जा सके। इस संशोधन के माध्यम से वर्तमान तीन नगर निगमों को एक एकीकृत नगर निगम में समाहित किया जाएगा।
साल 2011 में पूर्ववर्ती दिल्ली नगर निगम को तीन भागों (दक्षिण दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम) में विभाजित किया गया था। निगम को तीन भागों में बांटना क्षेत्रीय विभाजन और हर निगम के राजस्व अर्जित करने की क्षमता के लिहाज से भी असंगत रहा। इसके परिणामस्वरूप तीनों निगमों को उपलब्ध संसाधनों का अंतर काफी अधिक था।
सूत्रों ने बताया कि समय के साथ तीनों नगर निगमों की वित्तीय समस्याएं बढ़ने लगीं और इसके कारण उन्हें कर्मचारियों के वेतन के भुगतान व सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करने में कठिनाई पेश आ रही थी। दिल्ली में निकाय सेवाओं को बनाए रखने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इससे पहले, राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निगम के चुनाव की घोषणा को टाल दिया था। इसकी घोषणा नौ मार्च को होनी थी।