एक महिला ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत कर एप बेस्ड फूड डिलीवरी सर्विस से 26 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है। महिला का आरोप है कि उसने फूड सर्विस के जरिए वेज कबाब का ऑर्डर दिया, मगर नॉनवेज कबाब भेजे गए। महिला का कहना है कि उसके घर जो डिलीवरी की गई उसके कवर पर बकायदा हरा लेबल भी लगा था। महिला ने उपभोक्ता आयोग में कहा कि मानसिक यातना और उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के बदले में उसे 26 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। हालाकि निवारण आयोग का मानना है कि महिला द्वारा मांगी गई इतनी बड़ी राशि उसकी धार्मिक भावनाओं के नुकसान की भरपाई कैसे कर करेगी।
आयोग ने कहा, ‘इतना बड़ा दावा करने का कोई आधार नहीं है। महिला द्वारा जो ऑर्डर किया गया उसकी कीमत 170.4 रुपए थी। महिला के केस में उसके द्वारा किया गया दावा वाजिब नहीं है। उसे फूड पॉइज़निंग या कोई उल्टी आदि नहीं हुई। इसलिए महिला के दावे का कोई आधार नहीं है।’ आयोग की अध्यक्ष जस्टिस वीना बीरबल के मुताबिक शिकायतकर्ता की खारिज कर दिया गई है। हालांकि महिला अगर चाहती है तो एक नई शिकायत दर्ज कर सकती है।
जानना चाहिए कि महिला ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2002 के सेक्शन 17 के तहत एक शिकायत दर्ज कराई। 16 सितंबर, 2017 को दर्ज कराई शिकायत में महिला ने कहा कि उसने एक रेस्टोरेंट से वेज कबाब ऑर्डर किए। पैकेट पर ग्रीन लेबल लगा, जिसका मतलब था कि भेजा गया भोजन वेज है। महिला ने यह भी बताया कि उसका ऑर्डर पूरी तर वेज होना चाहिेए, ये बात उसने ऑर्डर के दौरान भी कही थी।। महिला के मुताबिक डिलीवरी करने आए शख्स ने भी उससे वेज ऑर्डर चैक करने के लिए भी कहा था।
शख्स के आश्वासन के बाद महिला ने कबाब जैसे ही मुंह डाले उसे महसूस हुआ कि जो उसने ऑर्डर किया वो नहीं। बाद में जांच की मालूम हुआ ऑर्डर किए गए कबाब नॉनवेज थे। शिकायत में महिला ने आगे कहा कि पूरी तरह वेजिटेरियन है और इसका कड़ाई से पालन करती है। मगर नॉनवेज कबाब मुंह में जाने के चलते उसे पूरी रात नींद नहीं आई।