नई दिल्ली के बेहद पॉश इलाके वसंत कुंज में बुधवार (14 नवंबर) देर रात 53 वर्षीय फैशन डिजाइनर माला लखानी और 50 वर्षीय उनके नौकर बहादुर की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई। गुरुवार सुबह (15 नवंबर) डबल मर्डर का मामला सामने आया, जिसके कुछ ही देर बाद तीनों आरोपियों ने पुलिस थाने में सरेंडर कर दिया। आरोपियों ने कबूला कि दोनों हत्याएं उन्होंने कीं। वारदात को अंजाम माला के बुटीक में काम करने वाले एक दर्जी ने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर दिया। घटना के खुलासे पर आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद दोनों की लाश पोस्टमार्टम के लिए भेजी। साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि यह हत्या लूटपाट के इरादे से की गईं। वारदात में प्रयुक्त धारदार हथियार भी 10 दिन पहले ही खरीदा गया था।

माला, मूलरूप से उत्तर प्रदेश के आगरा की रहने वाली थीं। वह दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित वसंत एक्लेव में ए-82 (गुरु कृपा) में रहती थीं और ग्रीन पार्क इलाके में बुटीक चलाती थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी व नौकर की हत्या के बारे में तड़के तीन बजे के आसपास तब पता लगा, जब पड़ोसियों ने विवाद के चलते पुलिस को बुलाया था। पुलिसकर्मी सूचना पर आनन-फानन में मौके पर पहुंचे, जहां माला अपने बेडरूम में मृत मिलीं, जबकि उनके नौकर की लाश लिविंग रूम से बरामद हुई।

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वसंत कुंज में फैशन डिजाइनर के घर के बाहर बातचीत करते पुलिस कर्मचारी। (फोटोः ANI)

ज्वॉइंट सीपी अजय चौधरी ने बताया, “आरोपी घर में बड़े ही आराम से घुसे थे। शुरुआती जांच के हिसाब से यह लूटपाट का मामला लग रहा है। मृतका के घर पर कई सामान भी टूटे-फूटे मिले।” उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों में मुख्य आरोपी राहुल अनवर (दर्जी) है, जबकि अन्य दो भी माला के यहां काम करते थे।

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दक्षिणी दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में माला बुटीक चलाती थीं। (फोटोः FB)

बताया गया कि राहुल, फैशन डिजाइनर के बुटीक में कपड़े सिलता था। माला उसे कुछ दिनों से पैसे नहीं दे रही थीं। यही कारण था कि वह उनसे आजिज चल रहा था, जिसके कारण उसने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उनकी हत्या की साजिश रची और वारदात की। कहा जा रहा है कि घटना के दौरान माला जोर से चीखी थीं। उनकी आवाज सुनकर बहादुर बचाने को आगे बढ़ा, तभी उसकी भी हत्या कर दी गई। आरोपियों ने सरेंडर करने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि उन्हें एक न एक दिन पकड़े जाने का डर था। दर्जी लगभग साढ़े तीन साल से माला के यहां काम कर रहा था।